हरियाणा। हिसार में शुरू हुई बारिश। सुबह के समय बूंदाबांदी के बाद मौसम में बदलाव आया। दिसंबर महीने के दूसरे पखवाड़े में हो रही बारिश फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगी। सरसों और गेहूं की फसल को सबसे अधिक फायदा होगा। अभी तक कोहरा नहीं गिरा था। बारिश के बाद कोहरे का कहर भी शुरू होगा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अब तापमान में तेजी से गिरावट आने की संभावना है। रोहतक में भी बूंदाबांदी हो रही है। माैसम विभाग ने हरियाणा में एक-दो जगहों पर ओलावृष्टि होने की भी संभावना जताई है। रविवार रात सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ के असर से मौसम में यह बदलाव आया है। इसका असर मंगलवार सुबह तक दिखेगा।
मौसम विशेषज्ञ डॉ.चंद्रमोहन ने बताया कि रविवार रात एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय हुआ है। इसके असर से दक्षिणी पंजाब और उत्तरी राजस्थान पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। इस कारण अरब सागर से प्रचुर मात्रा में नमी वाली हवाएं प्रदेश की तरफ रुख कर रही हैं। इससे सोमवार को हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली के 50 प्रतिशत इलाकों में हल्की बारिश और तेज गति से हवाएं चलने के साथ ही साथ गरज चमक के साथ एक-दो स्थानों पर ओलावृष्टि की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा।
26 को भी बारिश
26 दिसंबर को भी एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। हालांकि इसका असर उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में ही देखने को मिलेगा। चूंकि इन दोनों विक्षोभों के प्रभाव से उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होगी तो आने वाले दिनों में हाड़कंपा देने वाली ठंड का प्रकोप देखने को मिलेगा।
पानीपत, अंबाला और कुरुक्षेत्र में मौसम ने सोमवार को करवट ले ली। सुबह करीब सात बजे हल्की बारिश शुरू हो गई। कुछ ही देर में यह तेज हो गई। इसराना व मतलौडा क्षेत्र में बारिश कुछ तेज हुई। बारिश से अधिकतम तापमान एक साथ पांच डिग्री कम हो गया। इससे अन्य दिनों की अपेक्षा ठंड बढ़ गई। मौसम विशेषज्ञों ने अगले 24 घंटे हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है।
रविवार शाम को ही आसमान में बादल छा गए थे। सोमवार सुबह बादल गहरा गए। इसके साथ सुबह करीब सात बजे हल्की बारिश शुरू हो गई। यह करीब नौ बजे तक लगातार चली। बारिश आने से जहां ठंड बढ़ गई, वहीं गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद रही। कृषि विज्ञान केंद्र उझा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि इस समय गेहूं की फसल बढ़वार और फुटाव पर है। इस समय बारिश गेहूं की फसल के लिए खाद का खाद का काम करेगी। इससे दीमक भी खत्म होगा। किसान इस समय ट्यूबवेल से सिंचाई न करें। मौसम साफ होने के बाद जरूरत अनुसार सिंचाई करें।