हरियाणा। अब अगर आप अपने बच्चे को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (एचबीएसई) की संबद्धता से पढ़ाई कराना चाहते हैं तो निजी स्कूल में दाखिला दिलाना पड़ेगा, क्योंकि भिवानी शहर के सभी सरकारी स्कूल अब सीबीएसई पैट्रन की पढ़ाई से जुड़ चुके हैं। इतना ही नहीं खंड स्तर पर भी दो स्कूलों को सीबीएसई की तर्ज पर पढ़ाई कराने के लिए मॉडल संस्कृति और पीएमश्री का दर्जा मिल चुका है।
अब अभिभावकों के लिए दुविधा यह है कि अगर सरकारी स्कूल में बच्चे को दाखिल कराते हैं तो उन्हें एचबीएसई से नहीं बल्कि सीबीएसई से संबद्धता के हिसाब से पढ़ाया जाएगा। इसमें भी एक पेंच ये फंसा है कि एचबीएसई की पढ़ाई में बच्चे का सरकारी स्कूल में कोई शुल्क नहीं लगता, जबकि एचबीएसई की सरकारी स्कूल में पढ़ाई के दौरान हर माह अब फीस देनी पड़ेगी।
भिवानी जिले में 18 सरकारी विद्यालयों को पीएमश्री बना दिया है जबकि जिले के सात खंडों में प्रत्येक खंड में एक स्कूल मॉडल संस्कृति विद्यालय बन गया है। इस लिहाज से भिवानी में दो राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को अब पीएमश्री बना दिया है जबकि एक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मॉडल संस्कृति स्कूल बना है।
ये तीन स्कूल ही छठी से 12वीं तक बच्चों को अब तक मुफ्त पढ़ाई कराते आ रहे थे, मगर इनका दर्जा बदलने के बाद इनके अंदर अब पढ़ाई के लिए भी फीस निर्धारित हो गई है। मॉडल संस्कृति में 12वीं के विद्यार्थी से प्रति माह 500 रुपये फीस वसूली जा रही है, जबकि एग्जाम फीस और दाखिला फीस अलग से लग रही है। जबकि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों को अलग से छात्रवृत्ति भी मिलती है।
पढ़ाई में ढांचागत सुविधाएं बढ़ाने के नाम पर सरकारी स्कूलों के नामकरण अब बदल गए हैं इसी के साथ इनका बोर्ड भी अब हरियाणा विद्यालय से हटाकर सीबीएसई कर दिया गया है। हालांकि इसी सत्र से पीएमश्री स्कूलों में शामिल होने पर यह असमंजस है कि वे सीबीएसई पैट्रन से परीक्षा कराएंगे या एचबीएसई पैट्रन से।
दरअसल, नई शिक्षा नीति 2020 के तहत पूरे देश में एक बोर्ड एक शिक्षा नीति की तर्ज पर कार्य किया जा रहा है। यही वजह है कि सभी सरकारी स्कूलों को धीरे-धीरे एचबीएसई से हटाकर सीबीएसई से जोड़ा जा रहा है। आने वाले समय में और भी सरकारी स्कूल इसी तर्ज पर अपग्रेड होंगे। इसके बाद एचबीएसई को भविष्य में केवल रीजनल सेंटर के तौर पर ही इस्तेमाल किया जा सकेगा।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को इसी साल पीएमश्री का दर्जा मिला है। नई शिक्षा नीति के तहत सीबीएसई पैट्रन पर बच्चों को पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा और उनकी परीक्षा भी उसी पैट्रन पर होगी। पीएमश्री विद्यालय बनने के बाद बच्चों से भी निर्धारित शुल्क लिया जाएगा। पहले पढ़ाई के लिए कोई शुल्क नहीं था। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या घटने के पीछे एक कारण यह भी है कि मॉडल संस्कृति और पीएमश्री में विद्यार्थियों से शुल्क लेना निर्धारित किया है। -नवाब सिंह इंचार्ज पीएमश्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मुंढाल खुर्द।
हरियाणा सरकार की नीति के अनुसार सरकारी विद्यालयों को मॉडल संस्कृति और पीएमश्री का दर्जा मिला है। इन स्कूलों में सीबीएसई की तर्ज पर पढ़ाई होगी और इसका शुल्क भी निर्धारित किया है। जबकि एचबीएसई से जुड़े सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा है। हनुमान ढाणी के राजकीय उच्च विद्यालय को 12वीं तक का दर्जा दिलाया है, फिलहाल ये स्कूल एचबीएसई से संबद्ध रहेगा। इसमें लड़के और लड़कियों दोनों के लिए दाखिले इसी सत्र से होंगे। -नरेश महता, जिला शिक्षा अधिकारी, भिवानी।