लोकसभा क्षेत्रों से प्रत्याशी तय करने में कांग्रेस हाईकमान उलझन में

हरियाणा। नौ लोकसभा क्षेत्रों से प्रत्याशी तय करने में कांग्रेस हाईकमान उलझन में है। छह सीटों पर कई दिन से पेच फंसा है। हालांकि 3 सीटों पर सहमति की बातें सामने आ रही हैं, लेकिन इन पर भी प्रत्याशी घोषित नहीं किए जा सके हैं। इन पेंचों को निकालने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी की छह बैठकें हो चुकी हैं और चुनाव समिति की बैठकों में भी मंथन हो चुका है, लेकिन हरियाणा कांग्रेस हुड्डा गुट और एसआरके (कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी) गुट अपने-अपने समर्थकों को प्रत्याशी बनाने के पक्ष में दलीलें दे रहे हैं।

आपसी मतभेद व दरार के कारण वे दूसरे धड़े के प्रत्याशी को कमजोर बताने में भी नहीं चूक रहे। हाईकमान दोनों गुटों के बीच सहमति नहीं बना पाया है। इसलिए बार-बार प्रत्याशियों की सूची अटक रही है। दोनों गुटों के दावों से सहमत होकर खुद हाईकमान भी दुविधा में है और इन छह सीटों पर कोई भी फैसला लेने में संकोच कर रहा है।

एसआरके गुट पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव की पैरवी कर उनको मजबूत उम्मीदवार बता रहा है। अजय यादव के साथ एक प्लस प्वाइंट यह भी है कि वह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के समधी हैं और लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल बिहार में इंडिया गठबंधन में शामिल है। हुड्डा गुट राज बब्बर का नाम आगे बढ़ा रहा है। अभिनेता होने के साथ-साथ वह कांग्रेस का बड़ा चेहरा हैं। अजय यादव व हुड्डा के बीच अनबन चल रही है और अजय यादव कई बार हुड्डा को लेकर विवादित बयान भी दे चुके हैं।

फरीदाबाद सीट पर भूपेंद्र सिंह हु्ड्डा पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल की पैरवी कर रहे हैं। दलाल हुड्डा के रिश्तेदार हैं और अच्छे वक्ता होने के साथ साथ क्षेत्र में उनका प्रभाव है। एसआरके गुट गुर्जर बाहुल क्षेत्र में गुर्जर जाति के प्रत्याशी पर दांव खेलने पर जोर दे रहा है। एसआरके गुट यहां से पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह या उनके बेटे विजय प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाना चाहता है। यहां से दो बार से भाजपा के कृष्ण पाल गुर्जर सांसद हैं और तीसरी बार मैदान में हैं।

यहां से भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा के बेटे चाणक्य पंडित को प्रत्याशी बनाने पर जोर लगा रहे हैं। उनका दावा है कि चाणक्य के दादा इसी सीट से चार बार सांसद रहे हैं। हालांकि, एसआरके गुट कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र राठौर और वीरेंद्र बुल्लेशाह का नाम प्रस्तावित कर रहे हैं।
एसआरके मनोहर लाल के सामने राजपूत या पंजाबी समुदाय का प्रत्याशी चाह रहे हैं। इनके अलावा, एनसीपी के नेता वीरेंद्र मराठा के नाम पर भी चर्चा हुई है, लेकिन इंडिया गठबंधन में यह सीट मराठा को देने पर सहमति नहीं बन रही है। एसआरके गुट चाणक्य पंडित को कमजोर उम्मीदवार बता रहा है, क्योंकि पिछली बार कुलदीप सिंह साढ़े छह लाख मतों से हारे थे।

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