Breaking News
यूपी में नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बसपा ने किया बड़ा ऐलान 
हर्ष फायरिंग के दौरान नौ वर्षीय बच्चे को लगी गोली, मौके पर हुई मौत 
अपने सपनों के आशियाने की तलाश में हैं गायिका आस्था गिल
केदारनाथ विधानसभा सीट पर मिली जीत से सीएम धामी के साथ पार्टी कार्यकर्ता भी गदगद
क्या लगातार पानी पीने से कंट्रोल में रहता है ब्लड प्रेशर? इतना होता है फायदा
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 116वें एपिसोड को किया संबोधित
क्या शुरू होगा तीसरा विश्व युद्ध? व्लादिमीर पुतिन की धमकी और बढ़ता वैश्विक तनाव
देहरादून के इस इलाके में देर रात अवैध रुप से चल रहे बार और डांस क्लब पर पुलिस ने मारा छापा
प्रदेश के खेल इंफ़्रास्ट्रक्चर में मील का पत्थर साबित होगा लेलू में बन रहा बहुउद्देशीय क्रीड़ा हॉल – रेखा आर्या

कल सुबह छह बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट

भगवान बद्रीनाथ की डोली पहुंची धाम

15 कुंतल फूलों से सजाया गया मंदिर 

बड़ी संख्या में बद्रीनाथ पहुंचे श्रद्धालु

देहरादून।  केदारनाथ, गंगोत्री- यमुनोत्री के कपाट खुलने के बाद अब बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। भगवान बदरीनाथ की डोली आज शनिवार को धाम पहुंच गई है। बदरीविशाल के जयकारों के बीच बड़ी संख्या में श्रद्धालु धाम पहुंचे हैं। 15 कुंतल फूलों से बदरीनाथ मंदिर को सजाया जा रहा है। कल रविवार सुबह छह बजे बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। सबसे पहले भगवान बदरी विशाल को यात्राकाल में लगाए जाने वाले तेल को पिराने(पीसने) की प्रक्रिया शुरू हुई। परंपरा है कि भगवान बदरी विशाल को प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में चार बजे स्नान कराया जाता है। स्नान के उपरांत तिलों के तेल से भगवान बदरी विशाल का लेपन (मालिश) की जाती है।

तिलों के तेल को भगवान के अभिषेक के लिए शुद्ध माना जाता है। साथ ही इसे अखंड ज्योति में भी प्रयोग किया जाता है। इसलिए इस तेल को सिलबट्टे पर पीसा जाता है। जिससे इसमें कोई मिलावट न हो। परंपरा है कि यह तेल सुहागिन महिलाएं ही पिरोती हैं। यह तेल टिहरी राजदरबार की महारानी के साथ मिलकर पीसा जाता है। इसके बाद इसे एक कलश में रखा जाता है जिसे गाडू घड़ा कहते हैं।

महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह की मौजूदगी में शहर की कई सुहागिनों ने तेल निकाला। गणेश पूजन, मूसल पूजन, ओखल पूजन और अग्नि पूजन के बाद शहर की कई सुहागिनों और महारानी ने पीले वस्त्र धारण कर तिलों को कढ़ाई में भूना और ओखली और सिलबट्टा में पिसाकर तेल निकाला। गाडू घड़े को 12 मई को सुबह बदरीनाथ के कपाट खुलने के मौके पर गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।

गाड़ू घड़ा यात्रा उद्धव और कुबेर की डोली के साथ बदरीनाथ धाम पहुंच गई है। कल रविवार सुबह छह बजे बजे बदरीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही गाडू घड़े को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद रोजाना भगवान बदरी विशाल को इस तेल का लेपन किया जाएगा।  चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं के जयकारों के बीच तीनों धाम के कपाट विधि विधान के साथ खोले गए। पहले दिन करीब 45 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top