हरियाणा। किसान आंदोलन के कारण बंद पड़े शंभू बॉर्डर को खोलने के पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि किसान अपनी बात कहना चाहते हैं तो आप उन्हें क्यों रोक रहे हो। ऐसे कैसे रास्ता रोका जा सकता है।
हाईकोर्ट ने दिए हैं एक हफ्ते में बॉर्डर खोलने के आदेश
गुरुवार को ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए छह माह पहले बंद किए गए शंभू बॉर्डर को एक सप्ताह में खोलने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा था कि यह बॉर्डर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच नागरिकों की आवाजाही के लिए जीवन रेखा है। इसे बंद रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। हरियाणा सरकार को जाग जाना चाहिए, शंभू बॉर्डर को हमेशा के लिए बंद नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि कानून-व्यवस्था बनी रहे तथा राजमार्ग को उसके मूल गौरव पर बहाल किया जाए। न्यायालय ने किसान संघ को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि वे कानून का पालन करें।
यह है मामला
एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर किसान दिल्ली कूच करना चाहते थे। उन्हें रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर पर हाईवे को पूरी तरह बंद कर रूट डायवर्ट कर दिया। किसानों ने कई बार बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने आंसू गैस के गोले, रबड़ बुलेट और लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। खनौरी बॉर्डर पर पंजाब के किसान शुभकरण की गोली लगने से मौत भी हो गई। किसान 6 माह से शंभू और खनौरी सीमा पर डटे हैं। हरियाणा की ओर से हाईवे बंद कर देने से आसपास के लोगों और व्यापारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।