हरियाणा। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान और मतगणना की तिथि में बदलाव हो सकता है। एक अक्तूबर की जगह 7 या 8 अक्तूबर को मतदान हो सकता है। मतगणना 4 की जगह 10 या 11 अक्तूबर को कराई जा सकती है। त्योहारों का हवाला देकर भाजपा और इनेलो की ओर से की गई मांग पर चुनाव आयोग सैद्धांतिक रूप से सहमत है और मंगलवार को अंतिम फैसला कर सकता है। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव में भी जिन चरणों में शुक्रवार या सोमवार को वोटिंग कराई गई, वहां मतदान फीसदी अन्य चरणों से कम रहा। इसलिए आयोग इसे देखते हुए मतदान और मतगणना की तारीख बदल सकता है। हालांकि कांग्रेस और जेजेपी ने इसका विरोध किया है।
जम्मू-कश्मीर चुनाव पर भी पड़ेगा असर
हरियाणा में चुनाव कार्यक्रम में बदलाव के लिए राज्य भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है। चुनाव कार्यक्रम में बदलाव का असर जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। हालांकि राज्य में पहले की तरह पूर्व निर्धारित तिथि को ही तीन चरणों में मतदान कराए जाएंगे, मगर मतगणना की तिथि चार अक्तूबर की जगह दूसरी हो जाएगी।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने तर्क दिया है कि एक अक्तूबर के आसपास वीकेंड व छुट्टियां हैं। इस कारण लोग बाहर घूमने जा सकते हैं, जिसका असर मतदान प्रतिशत पर पड़ सकता है। साथ ही यह भी कहा है कि अगली तारीख निर्धारित करते समय यह ध्यान रखा जाए कि मतदान की तिथि से एक दिन पहले और मतदान के अगले दिन अवकाश न हो। ऐसा होने से ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान में हिस्सा ले सकेंगे।
बड़ौली ने पत्र में बताया है कि 28 व 29 को शनिवार व रविवार है। एक अक्तूबर को मतदान होने की वजह से छुट्टी है। दो अक्तूबर को गांधी जयंती और तीन को अग्रसेन जयंती है। 30 की छुट्टी लेकर छह दिन का लंबा वीकेंड पड़ रहा है। ऐसे में लोग छुटि्टयां मनाने प्रदेश के बाहर जा सकते हैं, जिससे मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है। इस पर मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया, उन्हें भाजपा का पत्र मिला है, जिस पर उपयुक्त फैसला लेने के लिए इसे निर्वाचन आयोग को भेज दिया गया है।
दो साल पहले पंजाब में विधानसभा चुनाव की बदली गई थी तारीख
चुनाव आयोग इससे पहले भी तारीख में बदलाव कर चुका है। साल 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीख 14 फरवरी निर्धारित की गई थी। इसके दो दिन बाद रविदास जयंती थी। पंजाब के काफी लोग रविदास जयंती मनाने उत्तर प्रदेश के वाराणसी जाते हैं। राजनीतिक दलों के अनुरोध के बाद मतदान की तारीख में परिवर्तन कर 20 फरवरी किया गया था।
बिश्नोई समाज ने भी मतदान की तारीख बदलने की मांग की
भाजपा के बाद बिश्नोई समाज महासभा ने भी मतदान की तारीख में बदलाव की मांग की है। महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा-हर साल राजस्थान के बीकानेर में गुरु जंभेश्वर भगवान की समाधि स्थल पर अमावस्या के दिन बड़ा मेला आयोजित होता है, जिसमें हरियाणा समेत पूरे देश के बिश्नोई समाज के लाखों श्रद्धालु मेले में पहुंचते हैं। इस बार एक अक्तूबर को आसोज की अमावस्या पर मुक्तिधाम मुकाम में मेला निर्धारित है। दो को भी पूरे दिन अमावस्या है और एक को ही मतदान है। महासभा का कहना है कि मेला होने की वजह से बिश्नोई समाज के काफी लोग चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, इसलिए मतदान की तारीख बदली जाए।
लोकसभा चुनाव में गर्मी की वजह से कम हुआ था मतदान
इससे पहले लोकसभा चुनाव में गर्मी की वजह से मतदान प्रतिशत में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई थी। 25 मई को भीषण गर्मी थी और लोग घरों से मतदान के लिए नहीं निकले। 2019 में करीब 70 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि बीते मई को 65 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था।