हरियाणा। 1965 में पाकिस्तान के साथ जंग में मारे गए सिपाही की विधवा की फैमिली पेंशन को लेकर लंबित याचिका में आदेश के बावजूद जुर्माने के एक लाख रुपये का भुगतान न करने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि अगली सुनवाई तक राशि जमा नहीं कराई गई तो एक लाख और जुर्माना लगेगा और दोषी अधिकारी का वेतन अटैच किया जाएगा।
याचिका दाखिल करते हुए महेंद्रगढ़ निवासी सूरज कौर ने बताया कि उनकी पेंशन से जुड़ी अनियमितताओं के चलते हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को याची के लीगल नोटिस पर निर्णय लेकर पेंशन राशि जारी करने का आदेश दिया था। इसके बाद याची के दावे को खारिज कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दाखिल की तो बताया गया कि याची के पति की नियुक्ति से जुड़ा रिकॉर्ड उनके पास नहीं है।
याची के पति की पेंशन पर अंबाला रेंज के अधिकारी ने निर्णय लिया था। ऐसे में पेंशन हरियाणा एजी दें। हरियाणा एजी ने कहा कि उनके पास इससे संबंधित रिकाॅर्ड नहीं है। अभी तक पंजाब एजी पेंशन की राशि का भुगतान कर रहे थे और आगे भी करना चाहिए। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर कहा था कि एक बुजुर्ग अपने लाभ के लिए भटक रही है और दोनों एजी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों के अकाउंटेंट जनरल को हल निकालने का आदेश दिया था।
बैठक के बाद हुई सुनवाई के दौरान हरियाणा एजी ने बताया कि याची की पेंशन की गणना कर ली गई है और जल्द ही यह राशि ब्याज सहित जारी कर दी जाएगी। इस देरी पर हाईकोर्ट ने हरियाणा एजी पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाते हुए यह राशि विधवा को सौंपने का आदेश दिया था। 23 मार्च 2023 के आदेश के बाद भी याची को एक लाख का भुगतान अभी तक न होने पर अब हाईकोर्ट ने सरकार को आखिरी मौका दिया है।