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पराली जलाने वाले किसानों पर अब होगी सख्त कार्यवाही, जुर्माने की बजाय अब होगी एफआईआर

हरियाणा।  हरियाणा के यमुनानगर जिले में खेतों से धान की फसल काटने के बाद अवशेषों में आग लगाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसलिए जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है कि पराली जलाने वाले किसानों पर अब कोई नरमी नहीं दिखाई जायेगी। यदि किसी किसान ने अब खेत में पराली जलाई तो उसके खिलाफ थाने में सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

जबकि इससे पहले पराली अवशेषों में आग लगाने पर किसानों पर 2500 रुपये प्रति एकड़ जुर्माना लगाने का प्रावधान था। प्रशासन के इस निर्णय से पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आ सकती है। हालांकि पिछले वर्ष 98 मामले सामने आए थे। जबकि इस बार इन मामलों में काफी कमी आई है।

प्रशासन के अनुसार 2500 रुपये जुर्माने का किसानों पर कोई खास असर नहीं हो रहा था। यदि किसी को आग लगाते हुए पकड़ लिया जाता था तो प्रशासन 2500 रुपये जुर्माना लगा देता था। किसान भी बिना विरोध किए इस जुर्माने को अदा कर रहे थे।

जिले में अभी तक पराली जलाने के 20 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से ट्रेस हुए 11 मामलों में किसानों पर 27500 रुपये जुर्माना किया गया था। किसानों ने यह सारा जुर्माना अदा भी कर दिया। वहीं पराली जलाने के आरोप में प्रशासन ने इस सीजन में अब तक केवल एक एफआईआर ही दर्ज कराई है। गत सप्ताह यह केस थाना रादौर में घिलौर गांव के किसान पर दर्ज कराया गया था।

आग लगाकर छोड़ देते हैं पानी : दिन में अधिकारी अपने काम व बैठकों के सिलसिले में यहां से वहां आना जाना करते रहते हैं। इसलिए खेत में पराली में आग लगी देख अधिकारी उन पर कार्रवाई कर सकते हैं। ऐसे में किसान पराली में अंधेरा होते ही आग लगाना शुरू कर देते हैं। रात को अधिकारी भी अपने घरों में जा चुके होते हैं। इसलिए किसी की कार्रवाई का डर भी नहीं रहता। पराली जलाने के बाद खेत काले हो जाते हैं जिससे उनके पकड़ में आने का खतरा रहता है। इससे बचने का तरीका भी किसानों ने निकाल लिया है। आग लगाने के तुरंत बाद ट्यूबवेल से खेत में पानी छोड़ देेते हैं।

अब एफआईआर ही दर्ज होगी : सतीश अरोड़ा
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एपीपीओ डॉ. सतीश अरोड़ा ने बताया कि पराली जलाने के मामलों की समीक्षा करने के लिए डीसी कैप्टन मनोज कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें डीसी ने निर्देश दिया है कि अब पराली जलाने वालों पर जुर्माना न करके सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाए। इसलिए अब केस दर्ज किया जाएगा। जिले में फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत धान की पराली में आग न लगाने के संबंध में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 लागू की हुई है। इसके अनुसार जो भी अपने खेत में धान के बचे हुए अवशेष में आगजनी करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जा रही है।

यमुनानगर में 2018 से अब तक पराली जलाने की हुई घटनाएं
वर्ष केस

2018 112

  • 2019 116
  • 2020 248
  • 2021 113
  • 2022 116
  • 2023 98
  • 2024 20 अब तक

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