हरियाणा। आजादी के साथ-साथ हमारे देश को विभाजन की विभीषिका भी झेलनी पड़ी, जिसमें लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ी। बच्चे से लेकर महिलाओं को भी अनेक यातनाएं झेलनी पड़ी। इन पूर्वजों के परिवारों ने लंबे समय तक इस विभीषिका का दर्द झेला है, लेकिन न रूके और न झुके। ये समाज व देश के विकास में अहम भूमिका निभाते रहे। ये विचार मुख्यमंत्री नायब सैनी ने व्यक्त किए। वे अनाजमंडी में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्वांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज का दिन भारत देश के बंटवारे का दुखद दिन है। यह ऐसा समय था, जो न केवल गहरे जख्म दे गया बल्कि इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उस समय हुए मंजर को देख आज हर किसी की रूह कांप उठती है। बंटवारा ऐसा हुआ कि लोग न केवल अपने घर, कारोबार छोड़ने पर मजबूर हुए बल्कि लाखों लोगों की जान भी चली गई। यह सब एक अंग्रेज अधिकारी रेड क्लिफ की देन रही, जिन्होंने भारत व पाकिस्तान के बीच रेखा खींच दी। आज इसी विभीषिका से देश का आधा साहित्य भरा हुआ है, लेकिन यह दिन आपसी भाईचारे का भी संदेश देता है। जिससे सीख लेते हुए हमें आगे बढ़ना है।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान कुरुक्षेत्र के गांव मसाना में इन लोगों की स्मृति में बनाए जा रहे पंचनद स्मारक के लिए 51 लाख रुपये देने की भी घोषणा की। समारोह के दौरान पंचनद समारक ट्रस्ट के राष्ट्रीय संयोजक महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव, राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने भी संबोधित किया जबकि इस दौरान शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा, महंत तरूण दास, महंत महेश गिरी सहित ट्रस्ट के पदाधिकारी व अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।