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अंबाला ने देश में सबसे प्रदूषित शहर का रिकॉर्ड किया अपने नाम, एक्यूआई 367 किया गया दर्ज

अंबाला। प्रकाशपर्व दिवाली पर हुई आतिशबाजी के बाद शुक्रवार को हरियाणा व दिल्ली से लेकर हिमाचल प्रदेश तक हवा की सेहत बेहद खराब रही। राष्ट्रीय राजधानी व एनसीआर के जिलों में धूल के कणों की मोटी चादर छाई रही। प्रदेश में केवल दो घंटे ग्रीन पटाखे चलाने के आदेश बेअसर रहे। इससे हरियाणा के 19 जिलों की हवा दूषित हुई और अंबाला ने देश में सबसे प्रदूषित शहर का रिकॉर्ड अपने नाम किया।

अंबाला का एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 367 दर्ज किया गया। इसकी एक बड़ी वजह अंबाला से सटे पंजाब में पराली का खूब जलना भी रहा। पंजाब में 31 अक्तूबर को पराली जलने के 484 और एक नवंबर को 587 मामले दर्ज किए गए, जो इस सीजन में सबसे अधिक हैं। इसी कारण पंजाब से सटे जीटी बेल्ट के जिलों में ही प्रदूषित कणों की यह मोटी चादर छाई रही। वहीं, दिल्ली में सुबह नाै बजे 362 एक्यूआई के साथ हवा बहुत खराब श्रेणी में रही।

यह बीते तीन वर्षों में दिल्ली के लिए सबसे प्रदूषित दिवाली थी। यही नहीं, नई दिल्ली शुक्रवार को विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष पर रहा। इनके अलावा, गुरुग्राम का एक्यूआई 309 व कुरुक्षेत्र का 306 दर्ज किया गया। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ का एक्यूआई भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहा। हरियाणा के बाकी शहरों का एक्यूआई 300 से नीचे दर्ज किया गया।

पटाखों की आड़ में जली पराली

हरियाणा में भी पटाखों की आड़ में किसानों ने पराली को खूब आग लगाई। 31 अक्तूबर को 42 व एक नवंबर को 35 मामले दर्ज किए गए। इससे पहले, 15 अक्तूबर को सबसे अधिक 42 मामले दर्ज किए गए थे। उसके बाद सख्ती बरतने से इसमें कमी देखी गई थी। हरियाणा में अब तक पराली जलाने के कुल 819 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि सरकार का मानना है कि इस बार पराली जलने के मामलों में करीब 35 फीसदी की गिरावट है। पिछले साल एक नवंबर तक 1296 मामले सामने आ चुके थे।

पिछली बार से हालात थोड़े बेहतर…प्रदूषण में 15 फीसदी की गिरावट

पूरे हरियाणा में पिछली दिवाली के मुकाबले हालात थोड़े बेहतर रहे। पिछले साल के मुकाबले वायु प्रदूषण में इस बार 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल 12 शहरों का एक्यूआई 300 से ऊपर दर्ज किया गया था, जबकि इस बार सिर्फ तीन शहरों का एक्यूआई 300 से ऊपर रहा। इसका एक बड़ा कारण कुदरत की मेहरबानी है। दिवाली की रात और अगले दिन हवा की गति मध्यम होने की वजह से प्रदूषण के कण ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाए। पीजीआई चंडीगढ़ के इन्वायरमेंट हेल्थ के प्रोफेसर डाॅ. रविंद्रा खैवाल ने इसके तीन कारण बताए हैं।

1. इस बार दिवाली पर तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं दर्ज की गई। इससे वायुमंडलीय सतह ऊपर है, जिससे प्रदूषण के कणों को ज्यादा जगह मिलती है।
2. हवा की गति 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटा रही। इसकी दिशा उत्तर पश्चिमी होने के कारण हवा के साथ प्रदूषण के कण बह गए।
3. एक साथ कई छुट्टियों की वजह से वाहनों की सक्रियता में भी कमी आई है। इससे प्रदूषण का स्तर घटा है।

हरियाणा के शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति

शहर             2023             2024
अंबाला 112             367
रोहतक 383             268
कैथल             361             255
फतेहाबाद 322             197
हिसार             303             255
जींद             344             286
बल्लभगढ़ 337             218
धारूखेड़ा 343             216
फरीदाबाद 370             202
गुरुग्राम 349             309
कुरुक्षेत्र 307             306
मानेसर 328             244
पानीपत 311             211
सिरसा 246             207
बहादुरगढ़ 281             269
भिवानी 279             247
करनाल 251             259
सोनीपत 254             290
यमुनानगर 259             282

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