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टिकट कटने से नाराज पूर्व विधायक शशिरंजन परमार ने भाजपा को कहा अलविदा

हरियाणा। विधानसभा चुनाव के लिए टिकट न मिलने से नाराज भाजपा नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला थम नहीं रहा है। ऐसे में अब टिकट कटने से नाराज पूर्व विधायक शशिरंजन परमार ने आखिरकार भाजपा को अलविदा कह दिया है। रविवार को कैरू के बाबा मुंगीपा मंदिर में हुई महापंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि शशिरंजन परमार तोशाम विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद शशिरंजन परमार ने कहा कि 11 सितंबर को वे तोशाम में निर्दलीय प्रत्याशी के का नामांकन भरेंगे।

उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि समय थोड़ा बचा है। इसलिए इधर-उधर भागदौड़ की बजाए वे अपने खुद के गांवों को संभाले, उनकी जीत निश्चित है।
गांव कैरू में रविवार सुबह 10 बजे बाबा मुंगीपा मंदिर परिसर में शशिरंजन परमार के समर्थन में महापंचायत बुलाई गई थी। जिसमें तोशाम हलके से कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। कई घंटों तक चली इस महापंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि पूर्व विशायक शशिरंजन परमार तोशाम से ही निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। जिसका हाथ उठाकर लोगों ने समर्थन भी किया।

पंचायत में मौजूद पूर्व विधायक शशिरंजन परमार ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे लोगों की इच्छा का सम्मान करते हैं और तोशाम विधानसभा क्षेत्र से 11 सितंबर को बाबा मुंगीपा का आशीर्वाद लेने के बाद अपना निर्दलीय प्रत्याशी का नामांकन दाखिल करेंगे। दरअसल भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे पूर्व विधायक दो दिनों से इलाके की जनता के बीच रोककर अपना दुख जता चुके थे, जिसके बाद ही उन्होंने दिल्ली से लौटने के बाद यहां पंचायत के बीच बड़ा फैसला लिया है।

सात साल पहले भाजपा में आए थे परमार
पूर्व विधायक शशिरंजन परमार ने करीब सात साल पहले भाजपा का दामन थामा था। शशिरंजन परमार ने लोकदल से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत मुंढाल क्षेत्र से की थी। लोकदल से ही मुंढाल से शशिरंजन परमार विधायक बने थे। इसके बाद ये विधानसभा क्षेत्र तोड़ दिया था। इसके बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में शशि परमार ने कांग्रेस की प्रत्याशी किरण चौधरी के मुकाबले चुनाव लड़ते हुए 56 हजार वोट हासिल किए थे।

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