करनाल। भाजपा की तर्ज पर कांग्रेस ने करनाल में पंजाबी कार्ड खेला है। यहां उपचुनाव में भी पार्टी ने पंजाबी चेहरे पार्टी के जिला संयोजक तरलोचन सिंह को मैदान में उतारा है। उनके टिकट की घोषणा नहीं की गई, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने सीधे उनका लोकसभा प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा के साथ नामांकन करवा दिया।
69 वर्षीय तरलोचन सिंह दूसरी बार मुख्यमंत्री को विधानसभा सीट पर चुनाव में टक्कर देंगे। यही उनकी बड़ी चुनौती रहेगी। पिछली बार वे दूसरे नंबर पर रहे थे। नामांकन के अनुसार, 2019 के मुकाबले उनकी आय 2014 से अब तक छह गुना बढ़ी है, जबकि पत्नी की आय दो गुना हो गई है। वहीं चल संपत्ती 2019 के मुकाबले आधी रह गई है और अचल संपत्ति तरलोचन सिंह की तीन गुना और इनकी पत्नी की 20 गुना तक बढ़ गई है। उनके पास सोना घटकर आधा रह गया है।
तरलोचन सिंह ने 2019 में मुख्यमंत्री रहे मनोहरलाल के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था। 2019 के चुनाव में मनोहर लाल को 79906 वोट मिले। इस दौरान कांग्रेस के तरलोचन सिंह ने उन्हें टक्कर दी और कांग्रेस प्रत्याशी को 34718 वोट मिले और मनोहर लाल 48188 वोटों से विजयी रहे।
तरलोचन सिंह 2014 से लगातार सक्रिय हैं और अलग-अलग मुद्दे पर जनता की आवाज भी उठाते रहे हैं, 2019 के चुनाव परिणाम में वे दूसरे नंबर पर रहे थे। तब से उनकी सक्रियता और बढ़ गई थी, इसी मजबूती को देखते हुए पार्टी ने उन पर दोबारा दांव खेला है।