हरियाणा। उत्तर प्रदेश सीमा पर करीब पांच दशक से चले आ रहे जमीन के विवाद को निपटाने की कवायद शुरू हो गई है। सोनीपत के गन्नौर व राई क्षेत्र में यमुना सीमा पर 262 पिलर लगाकर सीमांकन किया जाएगा। इससे आपसी मतभेद दूर करने में मदद मिलेगी। लोक निर्माण विभाग ने पिलर लगवाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है, इसे जल्द पूरा करने का लक्ष्य रखा है। टेंडर के बाद केंद्र की ओर से सर्वे करवाकर जमीन की पैमाइश का कार्य होगा। यमुना सीमा पर पिलर लगाने के लिए करीब 5.13 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। वहीं करीब इतने ही पिलर उत्तर प्रदेश प्रशासन अपनी सीमा पर लगवाएगा।
दोनों प्रदेशों की सीमाओं के विवाद को खत्म करने का सिलसिला जनवरी 2024 में शुरू किया गया था। उस दौरान एसडीएम अमित कुमार की अध्यक्षता में अधिकारियों की टीम ने यमुना क्षेत्र का दौरा कर पिलर लगवाने को लेकर निरीक्षण किया था। टीम में एसडीएम के अलावा जिला राजस्व अधिकारी हरिओम अत्री व लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन पंकज गौड़ व राई के नायब तहसीलदार अंकित शामिल थे।
वर्ष 1974 में दीक्षित अवॉर्ड हुआ था, इसके बाद यमुना की सीमा निर्धारण के लिए यमुना में पिलर लगवाने थे। यह कार्य लंबित रह गया था। पिलर न लगने के कारण हरियाणा-उत्तरप्रदेश के बीच कई बार सीमा विवाद हो चुका है। इसे रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने यमुनानगर से पलवल तक पिलर लगवाने के निर्देश दिए हैं। सर्वे ऑफ इंडिया से सर्वे के आधार पर राजस्व विभाग के निर्देशन में लोक निर्माण विभाग की ओर से पिलर लगवाए जाएंगे।
पांच दशक से सीमा विवाद में पिस रहे दोनों प्रदेशों के किसान