नई दिल्ली। केंद्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में ऊर्जा मंत्रालय ने नई सरकार के पहले 100 दिनों में उल्लेखनीय सफलताएं प्राप्त की हैं।” उन्होंने बताया कि ऊर्जा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, क्षमता और कनेक्टिविटी बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय पहुंच का विस्तार करने के उद्देश्य से 100 दिनों की योजना बनाई गई थी।
केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान नीतिगत सुधारों और नई पहलों पर भी प्रकाश डाला, जो देश के विद्युत क्षेत्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान के तहत 2032 तक 458 गीगावाट की पीक डिमांड को पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य ट्रांसमिशन सिस्टम को अंतिम रूप दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि नई योजना के तहत 2024 तक ट्रांसमिशन नेटवर्क का विस्तार 4.85 लाख किलोमीटर से बढ़ाकर 2032 में 6.48 लाख किलोमीटर तक किया जाएगा। साथ ही, देश की विद्युत स्थानांतरण क्षमता 168 गीगावाट तक बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना की कुल लागत 9.15 लाख करोड़ रुपये है, जो बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने और ग्रीन हाइड्रोजन लोड को सुविधाजनक बनाने में मदद करेगी।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि पिछले 100 दिनों में 50.9 गीगावाट की ट्रांसमिशन योजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनकी अनुमानित लागत 60,676 करोड़ रुपये है। इन योजनाओं में गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों में नवीकरणीय ऊर्जा निकासी को प्राथमिकता दी गई है।
इसके अतिरिक्त, मंत्री ने जानकारी दी कि दूरदराज और सुदूर क्षेत्रों में स्थित 83,596 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के घरों तक बिजली पहुंचाई गई है। कृषि फीडर पर, उन्होंने कहा कि 49,512 कृषि फीडरों को अलग कर दिया गया है, जबकि शेष फीडरों को अलग करने की मंजूरी दे दी गई है।
मंत्री ने ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जारी किए गए संशोधित दिशानिर्देशों का भी उल्लेख किया, जिससे 2030 तक चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़कर 1 लाख हो जाएगी।
अंत में, केंद्रीय मंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों में 15 गीगावाट जलविद्युत क्षमता के विकास के लिए नई वित्तीय सहायता योजना की घोषणा की, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और क्षेत्र की ऊर्जा क्षमता में वृद्धि होगी।