Breaking News
तमन्ना भाटिया की ‘सिकंदर का मुकद्दर’ का ट्रेलर जारी, 29 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी फिल्म
खड़े ट्रैक्टर से टकराई बाइक, हादसे में युवक की मौत
पिथौरागढ़ जिले में जमीन की खरीद फरोख्त पर तलब की रिपोर्ट
कभी देखा है नीले रंग का केला, गजब है इसका स्वाद, जबरदस्त हैं फायदे
ज्योर्तिमठ में येलो और ग्रीन केटेगरी के भवनों को अस्थाई मरम्मत की मिली अनुमति
ट्रंप के साथ एलन मस्क की जबरदस्त जुगलबंदी
यमुनानगर में चोरों का आंतक, ताला तोड़कर घर में घुसे चोर, डेढ़ लाख रुपये की नगदी और जेवर लेकर हुए फरार 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाओ पीडीआर में जापानी और फिलीपीन रक्षा मंत्रियों से की मुलाकात
ट्रक और इनोवा की टक्कर से छह युवाओं की दर्दनाक मौत के मामले में कंटनेर ड्राइवर की हुई पहचान, जल्द होगी गिरफ्तारी 

उत्तराखंड में जंगल की आग होने लगी बेकाबू, चारों तरफ धुआं फैलने से परेशानी में लोग 

लोगों के घरों तक पहुंच रही जंगलों की राख
वन संपदा का हुआ भारी नुकसान 
धुआं फैलने से श्वास रोगियों को हो रही समस्या 

देहरादून। उत्तराखंड में जंगल की आग अब बेकाबू होने लगी है। वहीं, आग लगने से जंगलों में धुआं फैलने लगा है। उत्तरकाशी, श्रीनगर सहित क्षेत्र के आसपास के जंगलों में लगी आग के कारण घाटी में धुआं फैलने से लोग खासे परेशान हैं, जबकि जंगलों की राख लोगों के घरों तक पहुंच रही है। श्रीनगर के पास डांग के जंगल में बृहस्पतिवार रात को आग लग गई थी, जिससे वन संपदा का भारी नुकसान हुआ है। नगर की ऊपरी पहाड़ियों के जंगल जलने से वहां की राख हवा में उड़कर लोगों के घरों तक पहुंच रही है।

वहीं जंगल की आग से देवप्रयाग क्षेत्र में धुआं फैला है। सीएचसी बागी के डॉ. नूतन प्रकाश पांडे का कहना है कि धुआं से सबसे अधिक समस्या श्वास के रोगियों को हो रही है। वहीं अस्पताल में बुखार, सरदर्द, खांसी, आंखों में जलन, घुटन आदि के रोगी भी बढ़ गए हैं। जनवरी माह से धधक रहे जंगलों से उठ रहा धुंआ पर्यावरण के साथ मानव व मवेशियों को बीमार रहा है। वातावरण में फैला घनी धुंध से दो सौ मीटर की दूरी तक साफ नहीं दिख रहा है।

वनाग्नि का कहर इस कदर है कि बच्छणस्यूं, रानीगढ़, धनपुर, क्यूंजा घाटी, तुंगनाथ घाटी, मद्महेश्वर घाटी, केदारघाटी, कालीमठ घाटी, भरदार, बड़मा, सिलगढ़, तल्लानागपुर में चीड़ बाहुल्य क्षेत्र में शायद ही कोई वन क्षेत्र हो, जो आग की चपेट में न आया हो। आग अब बांज, बुरांश के जंगलों को भी अपनी चपेट में लेने लगी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top