हरियाणा। हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंदर सिंह हुड्डा दिल्ली में चुनाव आयोग कार्यालय पहुंचे। उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों के संबंध में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ ईसीआई अधिकारियों से मुलाकात की।
चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा के ये नतीजे चौंकाने वाले हैं क्योंकि सभी को लगा था कि कांग्रेस हरियाणा में सरकार बनाएगी।
चाहे आईबी हो, एक्सपर्ट हो, सर्वे रिपोर्ट हो, लेकिन हुआ वही जब डाक मतपत्रों की गिनती शुरू हुई, कांग्रेस हर जगह आगे चल रही थी, लेकिन जब ईवीएम की गिनती शुरू हुई, तो कई जगहों पर वोटों की गिनती में देरी हुई सभी शिकायतों पर गौर किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा भी दिल्ली में चुनाव आयोग कार्यालय पहुंचे थे। हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों को लेकर कांग्रेस की आपत्तियां है, जिन्हें लेकर चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की गई।
चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि हमने सात विधानसभा क्षेत्रों के बारे में उनके ध्यान में लाया जहां हमारे उम्मीदवारों ने हमें उन बैटरियों से अवगत कराया है जो मतगणना के दिन सुबह 99% चार्ज दिखाती हैं जो असंभव है क्योंकि वही मतदान के दिन पूरे दिन मशीनों और उन्हीं बैटरियों का उपयोग किया गया है और फिर उन्हें स्ट्रांग रूम में रखा गया है। इसलिए इतने दिनों के बाद, बैटरी बिल्कुल भी खपत नहीं होती है और यह 99% दिखाती है यह अस्वाभाविक है।
यही बात हमने उनके संज्ञान में लाई है। 13 और विधानसभा क्षेत्र हैं जहां से हमें शिकायतें मिल रही हैं, हम उन्हें शिकायतें भेजेंगे… उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वे हमारे सवालों का जवाब देंगे, लेकिन आश्वासनों से काम नहीं चलेगा। हमें सबूतों के साथ ठोस जवाब चाहिए, इससे भाजपा का क्या लेना-देना है? वहीं उन्होंने कहा कि यह विपक्ष और भारत के चुनाव आयोग के बीच का मामला है।
ये रहा हरियाणा में चुनाव परिणाम
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस ने 37 सीट प्राप्त की है और मुख्य विपक्षी दल के रूप में विधानसभा में भूमिका निभाएगी। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत हासिल करने के साथ हेट्रिक लगाकर सत्ता हासिल की है। इन चुनाव परिणामों ने हर किसी को चौंकाया है। क्योंकि सभी एग्जिट पोल्स और माहौल कांग्रेस के पक्ष में दिख रहा था। लेकिन भाजपा के माइक्रो मैनेजमेंट माहौल पर भारी पड़ा है।