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भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी

हरियाणा।  पानीपत शहर की पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी मंगलवार को भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गई। डी पार्क स्थित आवास पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने फटका पहनाकर रोहिता रेवड़ी को कांग्रेस में शामिल किया।

मीडिया से बातचीत करते हुए रोहिता ने कहा कि भाजपा में जिस विश्वास के साथ शामिल हुई थी, वह नहीं रहा है। एक पूर्व विधायक ही नहीं, कार्यकर्ताओं का भी मान-सम्मान नहीं होता। कार्यकर्ताओं की पूछ नहीं हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुई हूं। इस बात की गारंटी ली है कि कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान मिलेगा।

सिरसा से भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर व उचाना में जजपा प्रत्याशी नैना चौटाला के काफिले पर हमले के सवाल पर हुड्डा ने कहा कि वे पहले कह चुके हैं। किसी को गांवों में जाने से नहीं रोकना चाहिए, बल्कि लोकसभा व विधानसभा में जाने से रोका जाएग। इसका लोकतांत्रिक तरीका वोट की चोट देना है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के द्वारा कलानौर रैली में लोगों को कांग्रेस द्वारा गुमराह करने के सवाल पर हुड्डा ने कहा कि जनता तय करेगा कौन गुमराह कर रहा है। प्रदेश सरकार ने एक यूनिट बिजली तक पैदा नहीं की, जबकि 2014 में बिजली सरप्लस थी। प्रदेश में जल्द कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी, प्रियंका गांधी व राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे आएंगे। अभी कार्यक्रम तय नहीं हुआ है।

रोहिता रेवड़ी ने एक पेज पर अपना इस्तीफा हाथ से लिखकर भेजा है। उन्होंने इस्तीफा में लिखा है कि वह निजी कारणों के चलते भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हैं। उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए। उन्होंने अपना यह इस्तीफा मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी को भेजा है। इसकी एक कॉपी जिला अध्यक्ष दुष्यंत शब्द को भी भेजी है।
जिला अध्यक्ष दुष्यंत भट्ट ने बताया कि उनको मंगलवार सुबह व्हाट्सएप पर रोहित का इस्तीफा मिला है। उनके इस्तीफे के बारे पार्टी आलाकमान को अवगत करा दिया है। रोहिता रेवड़ी के इस्तीफे से लोकसभा व आगे विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस समय पूरा प्रदेश व देश राममय बना हुआ है। हर कोई मोदी को प्रधानमंत्री का चेहरा देखना चाहता है।

पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी के पति सुरेंद्र रेवड़ी यार्न व्यापारी हैं और लंबे समय तक यार्न डीलर एसोसिएशन की कमान संभाली है। वे समाजसेवा में भी आगे रहते हैं। रेवाड़ी हैदराबादी बिरादरी से संबंध रखती हैं। पानीपत शहर में हैदराबादी बिरादरी के 15 से 16000 वोट बताए जा रहे हैं। पूरी बिरादरी राजनीतिक मामलों में एकजुट रहती है। अब देखना है कि लोकसभा चुनाव में रोहिता रेवड़ी के कांग्रेस में जाने किसको क्या फर्क पड़ता है।

शहर की राजनीति में सुरेंद्र रेवड़ी सक्रिय रहते हैं, लेकिन उन्होंने खुद की बजाय अपनी पत्नी रोहित को चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया। रोहिता रेवड़ी ने 2013 में वार्ड 9 से नगर निगम पार्षद का चुनाव लड़ा। वे 10400 वोटो से जीतकर सदन में पहुंची। उस वक्त निकाय में यह सबसे बड़ी जीत थी। 2014 में भाजपा ने रोहिता रेवड़ी को शहरी विधानसभा से टिकट दिया। कांग्रेस से वरिंदर सिंह बुल्ले शाह चुनाव मैदान में थे। रोहिता रेवड़ी ने शहरी विधानसभा से 92767 वोट हासिल किए, जबकि बुल्ले शाह को 39 036 वोट मिले। रोहिता रेवड़ी ने 53721 वोटो से वरिंदर शाह को हरा दिया था। उसे समय करीब 68 प्रतिशत वोट रोहित को मिले थे। वोट प्रतिशत में रोहिता रेवड़ी की जीत प्रदेश में बड़ी बताई गई थी।

रोहिता रेवड़ी का 2019 में शहरी विधानसभा से टिकट काट दिया गया था। यहां से प्रमोद विज को टिकट दिया था। इसके बाद रोहिता रेवड़ी पार्टी से नाराज चल रही थी और किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रही थी। पिछले दिनों सरकार बदलने के बाद नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री बने तो रोहिता रेवड़ी और उनके पति सुरेंद्र रेवड़ी ने उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद भी पार्टी ने उनको मनाने का प्रयास नहीं किया। पूर्व मुख्यमंत्री एवं करनाल लोकसभा के प्रत्याशी मनोहर लाल पिछले दिनों दो बार पानीपत में कार्यकर्ताओं की बैठक लेने और डोर टू डोर संपर्क में पहुंचे थे। तब भी किसी ने उनसे बात नहीं की थी। उनके कांग्रेस में जाने का एक यह भी बड़ा कारण बताया जा रहा है।

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