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बढ़ता डिजिटल सेवा निर्यात

अशोक शर्मा
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक से संबंधित वस्तुओं के बढ़ते निर्यात के साथ-साथ भारत डिजिटल माध्यम से मुहैया करायी गयीं सेवाओं के निर्यात में भी वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहा है। विश्व व्यापार संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2023 में भारत ने 257 अरब डॉलर मूल्य के ऐसी सेवाओं का निर्यात किया है, जो 2022 की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है। इस क्षेत्र में भारत जर्मनी और चीन को पीछे छोड़ते हुए चौथे स्थान पर आ गया है। अब भारत से आगे केवल अमेरिका, ब्रिटेन और आयरलैंड हैं। डिजिटल माध्यम से सेवा मुहैया कराने का अर्थ यह है कि कंप्यूटर नेटवर्क का इस्तेमाल कर शिक्षा, गेमिंग, मनोरंजन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि के लिए दक्ष ऑपरेटर, कुशल प्रोग्रामर और कोडिंग विशेषज्ञ अपनी सेवाएं देते हैं। वैश्विक सेवा व्यापार में डिजिटल माध्यम से मुहैया करायी जाने वाले सेवाओं का हिस्सा अब 20 फीसदी से भी ज्यादा हो गया है। यह आंकड़ा 2005 में 14 प्रतिशत था। वस्तुओं के निर्यात में कई कारणों- भू-राजनीतिक तनाव, हिंसक संघर्ष, आपूर्ति शृंखला में अवरोध, मुद्रास्फीति में वृद्धि, मांग में कमी आदि- से बीते वर्षों में उतार-चढ़ाव होता रहा है। हालांकि इस वर्ष बेहतरीन की उम्मीद जतायी जा रही है, लेकिन आशंकाएं भी बनी हुई हैं।

इस रुझान के उलट कोरोना महामारी के दौर से पहले के तुलना में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल सेवाओं का निर्यात अभी 50 प्रतिशत से अधिक के स्तर पर है। इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा भी बहुत है क्योंकि कई देश सॉफ्टवेयर, प्रोग्रामिंग, कोडिंग आदि डिजिटल क्षमताओं को बढ़ाने में जुटे हैं। अनेक देश ऐसी सेवाओं के आयात करने के बजाय अपने देश में इन्हें विकसित कर रहे हैं, भले ही उनकी गुणवत्ता कमतर हो। फिर इन सेवाओं से डाटा सुरक्षा और संग्रहण के मुद्दे भी जुड़े होते हैं। ऐसी स्थिति में भारत से डिजिटल सेवा निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि से यह इंगित होता है कि इन सेवाओं की गुणवत्ता और दक्षता उत्कृष्ट है तथा सुरक्षा को लेकर भी भारतीय सेवा प्रदाताओं पर भरोसा बढ़ा है। बीते वित्त वर्ष में अप्रैल 2023 से फरवरी 2024 के बीच भारत से वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात 709 अरब डॉलर से अधिक रहा है तथा इस अवधि में हमारा कुल आयात 782 अरब डॉलर से ज्यादा हुआ है। हाल के वर्षों में भारत सरकार ने आर्थिक सुधारों, नीतिगत पहलों तथा प्रोत्साहन कार्यक्रमों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण उत्पादन तथा निर्यात बढ़ाने को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया है। घरेलू बाजार में भी देशी उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। विदेशी निवेश, तकनीक और साझेदारी बढ़ाने के लिए भी सरल नियमों को लागू किया जा रहा है। इन प्रयासों के उत्साहजनक नतीजे हमारे सामने हैं। डिजिटल सेवा जैसे क्षेत्र में वृद्धि से नया बाजार भी हासिल हो रहा है।

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