रेवाड़ी। हरियाणा के रेवाड़ी के कोसली उपमंडल के गांव नेहरूगढ़ के पर्वतारोही नरेंद्र ने ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी कोसियस्जको को स्वतंत्रता दिवस पर तीसरी बार फतह कर कीर्तिमान स्थापित किया।
नरेंद्र ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी कोसियस्जको के साथ अन्य 9 सबसे ऊंची चोटियों को 2018, 2023 में फ़तह कर चुके हैं। नरेंद्र इस पर्वत पर विजय प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं, जिन्होंने इस पर्वत की चोटी पर दोनों मौसमों में गर्मी और सर्दी में आरोहण किया है।
इस अभियान का आयोजन इंडिया माउंटेनियरिंग एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा किया गया था। इस अभियान के लिए नरेंद्र 11 अगस्त को भारत से रवाना हुए थे और स्वतंत्र दिवस के दिन भारत का ध्वज ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया।
18 अगस्त को डॉ. एस. जानकीरामन महा वाणिज्य दूत व नीरव सुतारिया वाणिज्य दूत (वाणिज्यिक) एवं भारत के महा वाणिज्य दूतावास के प्रमुख ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस अभियान को आईपीएल बायोलॉजिकल व अशोक सिंहल फाउंडेशन ने स्पॉन्सर किया है।
सात महाद्वीपों पर फतेह करने का सपना
आर्मी जवान कृष्णचंद के पुत्र नरेंद्र का सपना दुनिया के सभी सात महाद्वीपों पर फतेह कर वर्ल्ड रिकार्ड बुक में छाप छोड़ने का है। नरेंद्र ने पांच महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह कर विश्व रिकार्ड बनाए हैं। 2012 में पर्वतारोहण के बेसिक, 2013 में एडवांस, 2015 में एमओआई, 2022 में सर्च एंड रेस्क्यू के साथ सभी कोर्स पास किए हैं। इसमें माउंट एवरेस्ट को 2016 व 2022 में 6 दिन में बिना अनुकूलन के फतह किया। इसके अलावा किलिमंजारो को तीन बार, एलब्रुस को ट्रैवल्स में दो बार, कोजास्को व ऑस्ट्रेलिया की 10 सबसे ऊंची चोटियों को दो बार, दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकंकागुआ व उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी देनाली को फतह किया है।
अपनी स्कूली पढ़ाई के दौरान 12 साल की उम्र में ही नरेन्द्र ने जम्मू-कश्मीर की पहाडिय़ों पर चढ़कर अपने पर्वतारोहण की प्रारंभिक शुरूआत कर दी थी। वर्ष 2008 से इन्होंने नियमिततौर से पर्वतारोहण का अभ्यास शुरू कर दिया था। उसके बाद महज 19 वर्ष की आयु में 6512 मीटर ऊंची भागीरथी-टू व 5612 मीटर ऊंची डीकेडी-टू के साथ कालिंदी पास व वासुकी ताल पास, लेह, गढ़वाल चोटी को फतेह करके सबसे कम उम्र का पर्वतारोही साबित हुआ था। इसके साथ साथ विश्व की सभी वर्ल्ड रिकॉर्ड संस्थाओं ने इनको वर्ल्ड किंग का सम्मान दिया है अब अगला लक्ष्य अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विंसन है।