Breaking News
चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई
चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई
क्या आप भी करते हैं गर्मियों में अधिक आम का सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान  
क्या आप भी करते हैं गर्मियों में अधिक आम का सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान  
भारत का रक्षा निर्यात नई ऊंचाइयों पर, आत्मनिर्भरता बनी सफलता की कुंजी- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
भारत का रक्षा निर्यात नई ऊंचाइयों पर, आत्मनिर्भरता बनी सफलता की कुंजी- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार
एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार
आईटीडीए को मजबूत करने के निर्देश, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टम अपग्रेड का आह्वान
आईटीडीए को मजबूत करने के निर्देश, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टम अपग्रेड का आह्वान
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक 
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक 
दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने में नाविक सैटेलाइट की भूमिका महत्वपूर्ण- महाराज
दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने में नाविक सैटेलाइट की भूमिका महत्वपूर्ण- महाराज
मुख्यमंत्री धामी ने 350 करोड़ की विधायक निधि को दी मंजूरी
मुख्यमंत्री धामी ने 350 करोड़ की विधायक निधि को दी मंजूरी
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में “तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा” का किया गया भव्य आयोजन
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में “तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा” का किया गया भव्य आयोजन

‘बटेंगे तो कटेंगे’ के जवाब में छात्र आंदोलन का नया नारा – ‘न बटेंगे न हटेंगे’

‘बटेंगे तो कटेंगे’ के जवाब में छात्र आंदोलन का नया नारा – ‘न बटेंगे न हटेंगे’

उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नारे ‘बटेंगे तो कटेंगे’ के तर्ज पर एक नया नारा सामने आया है – ‘न बटेंगे न हटेंगे’। यह नारा किसी राजनीतिक पार्टी का नहीं है, बल्कि यूपी पीसीएस, आरओ, एआरओ परीक्षाओं को लेकर छात्रों के आंदोलन से उभरा है। परीक्षा को लेकर हो रहे बदलावों और लगातार तारीखों में देरी के चलते छात्र सड़कों पर उतर आए हैं।

विधानसभा उपचुनाव पर पड़ सकता है असर
जहां एक ओर हजारों की संख्या में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यूपी में 20 नवंबर को विधानसभा की 9 सीटों के उपचुनाव होने हैं। छात्रों के इस आंदोलन का असर उपचुनाव के नतीजों पर भी पड़ सकता है, क्योंकि इन विरोधों से युवा मतदाताओं की नाराजगी बढ़ रही है।

बार-बार स्थगित हो रही हैं परीक्षाएं
इस साल जनवरी में यूपीएससी ने नोटिफिकेशन जारी कर मार्च में परीक्षा की घोषणा की थी, जो पहले अक्टूबर और अब दिसंबर तक स्थगित की जा चुकी है। इसके अलावा, समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की परीक्षा 11 फरवरी को होनी थी, लेकिन पेपर लीक होने के चलते इसे भी आगे बढ़ा दिया गया था। लगातार स्थगन के कारण छात्रों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

छात्रों के आक्रोश की वजह
यूपीएससी ने घोषणा की है कि आरओ और एआरओ प्रारंभिक परीक्षाएं 22 और 23 दिसंबर को दो शिफ्ट में आयोजित होंगी। इस फैसले से छात्रों में आक्रोश है। उनका कहना है कि दो शिफ्ट में परीक्षा होने से नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिससे दूसरी शिफ्ट के परीक्षार्थियों को अन्याय महसूस हो सकता है। छात्रों की मांग है कि परीक्षा एक ही शिफ्ट में हो ताकि किसी भी छात्र के साथ भेदभाव न हो।

यूपीएससी की चुनौती: परीक्षा केंद्रों की कमी
यूपीएससी का कहना है कि छह लाख उम्मीदवारों के लिए एक साथ परीक्षा आयोजित करने के लिए पर्याप्त परीक्षा केंद्र उपलब्ध नहीं हैं। इस कारण परीक्षा को दो शिफ्ट में कराने का निर्णय लिया गया है।

उपचुनाव परिणामों पर असर का अनुमान
प्रयागराज की इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और पूर्वांचल के छात्रों की बड़ी संख्या इस परीक्षा की तैयारी में जुटी है। इससे पहले भी युवाओं को लगा कि सरकार उनके भविष्य को लेकर गंभीर नहीं है। इसी तरह की स्थिति 2019 के लोकसभा चुनाव में भी हुई थी, जब 60,000 पदों पर पुलिस भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी, जिससे सरकार को चुनाव में झटका लगा था। ऐसे में इस बार भी छात्रों का विरोध प्रदर्शन सरकार के लिए राजनीतिक चुनौतियां खड़ी कर सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top