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किरण चौधरी ने राज्यसभा सीट के लिए भरा नामांकन

हरियाणा।  हरियाणा की एक राज्यसभा सीट के उपचुनाव के लिए पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल की बहू किरण चौधरी ने आज नामांकन भर दिया। इस दौरान सीएम नायब सैनी भी उनके साथ मौजूद रहे।

इस दौरान किरण चौधरी ने कहा कि मैं सबसे पहले भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पीएम नरेंद्र मोदी, मनोहर लाल, जेपी नड्डा और नायब सिंह सैनी समेत सभी विधायकों का धन्यवाद करती हूं। हमारे परिवार का भाजपा के साथ बहुत पुराना रिश्ता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल की नीतियों से प्रभावित होकर मैं भाजपा में शामिल हुई हूं… हमेशा से मैंने बहुत ईमानदारी और नीयत के साथ काम किया है और आने वाले समय में भी मैं राज्यसभा में हरियाणा के सभी विषयों को उठाऊंगी।

किरण चौधरी के नामांकन के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि किरण चौधरी ने आज नामांकन दाखिल किया है। उन्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हमारे सभी विधायक यहां मौजूद हैं। अन्य विधायकों ने भी किरण चौधरी को समर्थन दिया।

जोगीराम सिहाग, अनूप धानक, नयनपाल रावत, रामनिवास सूरजाखेड़ा, रामकुमार गौतम और गोपाल कांडा ने भी चौधरी को समर्थन दिया। पार्टी ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि राज्यसभा में किरण जाएंगी। किरण चौधरी का लंबा अनुभव रहा है। दिल्ली में विधानसभा अध्यक्ष भी रही हैं। वह हरियाणा के मुद्दों को प्रमुखता से राज्यसभा में उठाएंगी। राज्यसभा में भी हमारी ताकत बढ़ गई है।

2004 में मिली थी हार

इससे पहले कांग्रेस ने 2004 में किरण चौधरी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया था, मगर उस दौरान किस्मत ने साथ नहीं दिया और वह जीत नहीं सकी थी। इस बार भाग्य किरण के साथ है। भाजपा के पास बहुमत है और कांग्रेस ने फिलहाल उम्मीदवार उतारने से मना कर दिया है। ऐसे में उनकी जीत तय मानी जा रही है। उनका कार्यकाल अप्रैल 2026 तक रहेगा।

भाजपा ने 20 अगस्त मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई थी। बैठक में राज्यसभा के उपचुनाव को लेकर चर्चा होनी थी। बैठक में सीएम नायब सिंह सैनी समेत सभी मंत्री व विधायक शामिल हुए। बैठक में जजपा के विधायक जोगी राम सिहाग भी शामिल हुए। बैठक में किरण चौधरी का नाम रखा गया, जिस पर सभी विधायकों ने सहमति जताई। बैठक के बाद कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने जानकारी दी कि किरण चौधरी के नाम पर सभी विधायकों के बीच सहमति बनी है। वह 21 अगस्त को सुबह नौ बजे अपना नामांकन दाखिल करेंगी। उन्होंने कहा कि यदि कांग्र्रेस अपना उम्मीदवार खड़ा करती है तो वह मुकाबले के लिए तैयार हैं। उनके पास पूर्ण बहुमत हैं। विधानसभा में भाजपा के 43 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। वहीं, जजपा के बागी विधायक भी पार्टी के संपर्क में हैं। बरवाला से विधायक जोगी राम सिहाग भी भाजपा की बैठक में शामिल हुए थे।

भाजपा ने निभाया वादा, अब दूसरे वादे की बारी

किरण खेर जब कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुई थी तो उस दौरान वह इसी शर्त पर आई थी कि उन्हें राज्यसभा भेजा जाए और उनकी बेटी श्रुति को तोशाम से विधानसभा चुनाव का टिकट दिया जाए। भाजपा ने अपना एक वादा पूरा कर दिया है और अब दूसरे वादे की बारी है। हालांकि दूसरा वादा भाजपा के लिए इतना आसान नहीं होने वाला है। कुछ अपवादों को छोड़ भाजपा में नीति रही है कि एक व्यक्ति एक पद। ऐसे में भाजपा यदि श्रुति को तोशाम से उम्मीदवार बनाती है तो पार्टी बरसों से चली आ रही नीति से किनारा कर सकती है। हालांकि पिछले दिनों संघ के साथ हुई समन्वय बैठक में आरएसएस ने नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट देने की वकालत की थी।

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