हरियाणा। मानसून का आगमन हो गया है, मगर बाढ़ की रोकथाम की तैयारियां पूरी नहीं हो सकीं। हरियाणा में 28 जून तक करीब 77 फीसदी ड्रेन ही साफ हो सकी थीं। बाकी 23 फीसदी ड्रेनों की सफाई नहीं हो पाई। कुछ जगहों पर अब भी काम बाकी है। हालांकि सरकार ने 30 जून तक बाढ़ की पूरी तैयारियां करने का निर्देश दिया था।
74 योजनाएं पूरी, 246 का काम जारी
पिछले साल आई बाढ़ से सबक लेते हुए सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में बाढ़ की रोकथाम के लिए सिंचाई विभाग की 617 योजनाओं के लिए 1279 करोड़ रुपये अलॉट हुए थे। इनमें सबसे अधिक योजनाएं उन जिलों के लिए थीं, जो पिछले साल बाढ़ की चपेट में आए थे। इसी बैठक में बाढ़ को रोकने के लिए 320 अल्पावधि की योजनाएं भी विभिन्न जिलों में प्रस्तावित की गई थीं, जिनमें से सिर्फ 74 स्कीम ही पूरी हो सकी हैं, जबकि 246 योजनाओं पर काम जारी है।
सिंचाई विभाग के मुताबिक यमुनानगर की 76 योजनाओं के लिए 118.79 करोड़, झज्जर की 67 योजनाओं के लिए 115.01 करोड़, अंबाला की 53 योजनाओं के लिए 77.83 करोड़, सोनीपत की 44 योजनाओं के लिए 133 करोड़, कैथल की 43 योजनाओं के लिए 69 करोड़, पंचकूला की 42 योजनाओं के लिए 22.94 करोड़, रोहतक की 36 योजनाओं के लिए 79 करोड़ और फतेहाबाद की 27 योजनाओं के लिए 60 करोड़ रुपये अलॉट किए गए थे।