Breaking News
इंतजार की घड़िया खत्म, कुछ ही घंटो बाद उत्तराखण्ड के सबसे गौरवान्वित पल 38वें नेशनल गेम्स का आगाज 
इंतजार की घड़िया खत्म, कुछ ही घंटो बाद उत्तराखण्ड के सबसे गौरवान्वित पल 38वें नेशनल गेम्स का आगाज 
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने निकाय चुनाव में विजयी हुए सभी पार्षदों को दी बधाई एवं शुभकामनाएं 
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने निकाय चुनाव में विजयी हुए सभी पार्षदों को दी बधाई एवं शुभकामनाएं 
पांच हजार 861 गांव में जगमग योजना से 24 घण्टे बिजली दे रही है सरकार- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
पांच हजार 861 गांव में जगमग योजना से 24 घण्टे बिजली दे रही है सरकार- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी पोर्टल पर सबसे पहले कराया अपने विवाह का पंजीकरण 
मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी पोर्टल पर सबसे पहले कराया अपने विवाह का पंजीकरण 
मंत्री रेखा आर्या ने जारी किया वात्सल्य योजना का पैसा
मंत्री रेखा आर्या ने जारी किया वात्सल्य योजना का पैसा
उत्तराखंड में लागू हुई समान नागरिक संहिता
उत्तराखंड में लागू हुई समान नागरिक संहिता
रेलवे ट्रैक पार करते हुए ट्रेन की चपेट में आने से युवक की मौत
रेलवे ट्रैक पार करते हुए ट्रेन की चपेट में आने से युवक की मौत
मोहनलाल की फिल्म ‘एल 2 एम्पुरान’ का टीजर हुआ रिलीज, 27 मार्च को सिनेमाघरों में दस्तक देगी फिल्म 
मोहनलाल की फिल्म ‘एल 2 एम्पुरान’ का टीजर हुआ रिलीज, 27 मार्च को सिनेमाघरों में दस्तक देगी फिल्म 
मोरी विकासखंड के सावणी गांव में लगी आग, 15 भवन जलकर राख
मोरी विकासखंड के सावणी गांव में लगी आग, 15 भवन जलकर राख

उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पहुंचे नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल, जलवायु परिवर्तन पर किए अपने विचार साझा

उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पहुंचे नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल, जलवायु परिवर्तन पर किए अपने विचार साझा

कुरुक्षेत्र।  हरियाणा के कुरुक्षेत्र में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा की चुनौतियां और जलवायु परिवर्तन आपस में जुड़े हुए हैं। भारत को अपनी रणनीतिक साझेदारियों को मजबूत करना होगा और समुद्री सुरक्षा बढ़ानी होगी। सभी देशों को मिलकर इस क्षेत्र को स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध बनाना होगा। ये कहना है नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती का, जो कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे।

उन्होंने इंडो पेसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र 38 देशों को शामिल करता है, जो वैश्विक सतह के 44 प्रतिशत को कवर करता है। इस क्षेत्र की जनसंख्या दुनिया की 64 प्रतिशत है और इसका वैश्विक जीडीपी में 60 प्रतिशत से अधिक योगदान है।

यह क्षेत्र दुर्लभ पृथ्वी के तत्वों और खनिजों से भी भरपूर है। दुनिया का 50 प्रतिशत व्यापार और 40 प्रतिशत से अधिक जीवाश्म ईंधन इस क्षेत्र के पानी से होकर गुजरता है और यह भारत और चीन जैसी तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का घर है।

उन्होंने कहा कि भारतीय महासागर क्षेत्र आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, लेकिन यहां पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों का सामना करना पड़ता है। पारंपरिक खतरों में इजराइल-हमास संघर्ष जैसे मामले शामिल हैं, जो समुद्री व्यापार को खतरे में डालते हैं। इस क्षेत्र में 50 से अधिक युद्धपोत हर समय सक्रिय रहते हैं, जो आर्थिक हितों की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं।

गैर-पारंपरिक खतरों में अवैध मछली पकड़ना, मादक पदार्थों की तस्करी और मानव तस्करी शामिल हैं। इन खतरों से निपटने के लिए किसी एक देश के पास पर्याप्त क्षमता नहीं है, इसलिए सभी देशों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन एक गंभीर खतरा है जो हमारे जीवन को प्रतिदिन प्रभावित कर रहा है। वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी, अधिक चक्रवात और समुद्र स्तर में वृद्धि इस क्षेत्र के लिए गंभीर खतरे हैं। ये परिवर्तन केवल प्राकृतिक नहीं हैं, बल्कि मानव गतिविधियों के कारण भी हैं।

उनका कहना है कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सतत विकास एक जटिल मुद्दा है। हमें वर्तमान पीढ़ी की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी संसाधनों का संरक्षण करना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top