हरियाणा। सेवानिवृत रेलवे कर्मचारियों के साथ सफर करने वाले सहायक अब एसी श्रेणी में सफर कर सकेंगे। लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर रेलवे ने यह सुविधा प्रदान की है ताकि सेवानिवृत कर्मचारियों को राहत मिल सके। इस सुविधा का फायदा 70 की उम्र पार कर चुके कर्मचारियों को मिलेगी और वह अपने साथ एसी कोच में सहायक को ले जा सकेंगे। इस सुविधा के लिए सेवानिवृत कर्मचारियों को कुछ शुल्क भी अदा करना होगा जो मूल किराए का एक तिहाई होगा और उसे टिकट बुकिंग के समय जमा करवाना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही सेवानिवृत कर्मचारी और उसके सहायक को टिकट जारी होगी।
दरअसल रेलवे बोर्ड के पास लगातार शिकायतें पहुंच रही थीं कि 70 की उम्र पार कर चुके बुजुर्ग सेवानिवृत कर्मचारी अपने साथ सहायक नहीं ले जा पा रहे हैं और उन्हें ट्रेन में सफर के दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, अगर इस दौरान उनके साथ सहायक मौजूद रहेगा तो उन्हें काफी राहत मिलेगी। गौरतलब है कि अंबाला मंडल में ऐसे करीब 150 सेवानिवृत कर्मचारी हैं जो ट्रेनों के माध्यम से सफर करते हैं।
रेलवे के अनुसार सेवानिवृत रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों को रेल पास पर प्रथम व द्वितीय एसी श्रेणी में सफर की अनुमति प्रदान की गई है। इस दौरान वो अपने साथ एक सहायक को निशुल्क ले जा सकता हैं। रेलवे की भाषा में इसे अटेंडेंट की संज्ञा दी गई है लेकिन सहायक को स्लीपर श्रेणी में ही यात्रा करनी पड़ती थी। अब एसी श्रेणी के मूल किराए का तृतीय हिस्सा जमा करवाने पर सहायक भी रेलवे कर्मचारी के साथ एसी कोच में सफर कर पाएगा।
पश्चिम एक्सप्रेस में अंबाला से मुंबई तक का प्रथम एसी का किराया 5250 रुपये हैं और स्लीपर श्रेणी का 750 रुपये है। इन दोनों किराए का अंतर 4500 रुपये है। इसका एक तिहाई 1500 रुपये बनते हैं तो 70 साल वाले सेवानिवृत कर्मचारी को अपने सहायक के लिए 1500 रुपये का भुगतान करना होगा ताकि वो प्रथम एसी श्रेणी में सहायक को अपने साथ यात्रा करवा सके। इसके अलावा एसी का आरक्षण शुल्क भी देय होगा।
सेवानिवृत कर्मचारियों को सफर के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता था क्योंकि वो खुद एसी श्रेणी में होते थे और उनके सहायक स्लीपर में। अब एक तिहाई किराया जमा करवाने के बाद वो एसी कोच में ही सहायक को अपने साथ रख सकेंगे। इससे उन्हें काफी राहत मिलेगी। -नवीन कुमार, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, अंबाला मंडल।