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भारत के 31 राज्यों में जनसंख्या पर नियत्रंण लेकिन 5 राज्यों ने बढाई चिंता

नई दिल्ली। भारत की आबादी चीन से भी आगे बढ़ गई है. इसके कारण हमारे संसाधन कम पड़ते जा रहे हैं और यही हाल रहा तो पानी के लिए भी हम तरस जाएंगे. देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 2.1 फर्टिलिटी रेट (प्रजनन दर) पर खुद को सीमित कर लिया है. 2.1 फर्टिलिटी रेट को भारत की जनसंख्या के हिसाब से बेहतर फर्टिलिटी रेट बताया जा रहा है. इससे भारत में न तो नौजवानों की कमी रहेगी और न ही बूढ़े लोगों की संख्या नौजवानों की तुलना में बढ़ेगी. जापान इसी समस्या से जूझ रहा है. वहां बूढ़े लोगों की संख्या नौजवानों से बहुत अधिक हो गई है.

विश्व जनसंख्या दिवस पर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि इस समस्या को काबू करने के लिए हाई फर्टिलिटी रेट वाले राज्यों के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. जेपी नड्डा ने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य तभी हासिल किया जा सकेगा, जब भारत के लोग स्वस्थ रहें और यह तभी मुमकिन है जब परिवार छोटे हों.

1950 में भारत का टीएफआर 6.18 था, 1980 तक यह 4.6 आ गया. 2021 में टीएफआर 1.91 हो गया था. यह स्टेबल जनसंख्या के लिहाज से नीचे था. एक अध्ययन में हाल ही में कहा गया कि भारत की टीएफआर 2050 तक 1.29 हो सकती है.

ये हैं ज्यादा प्रजनन वाले राज्य
बिहार में प्रजनन दर 3 है. मेघालय में 2.9, उत्तर प्रदेश में 2.4, झारखंड में 2.3 और मणिपुर में 2.2 है.

ये हैं कम प्रजनन वाले राज्य
सिक्किम में प्रजनन दर 1.1 है. गोवा में 1.35, लद्दाख में 1.35, लक्षद्वीप में 1.38 और चंडीगढ़ में 1.39 है.

संयुक्त राष्ट्र का दावा
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत की जनसंख्या 2060 के दशक की शुरुआत में लगभग 1.7 अरब तक पहुंच जाने का अनुमान है और इसके बाद इसमें 12 प्रतिशत की कमी आएगी, लेकिन इसके बावजूद यह पूरी शताब्दी के दौरान विश्व में सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा. वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2024 रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले 50-60 वर्षों के दौरान दुनिया की जनसंख्या में वृद्धि जारी रहने का अनुमान है और 2024 में यह 8.2 अरब तक पहुंच जाएगी, जबकि 2080 के दशक के मध्य तक लगभग दुनिया की आबादी लगभग 10.3 अरब हो जाएगी. हालांकि, चरम स्थिति पर पहुंचने के बाद वैश्विक जनसंख्या में धीरे-धीरे गिरावट आने का अनुमान है और यह सदी के अंत तक घटकर 10.2 अरब रह जाएगी. भारत पिछले साल चीन को पीछे छोड़कर विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया था और 2100 तक यह उसी स्थान पर बना रहेगा.

इनपुट- एजेंसी

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