Breaking News
खेल मंत्री रेखा आर्या ने टपकेश्वर महादेव को समर्पित किया राष्ट्रीय खेलों का पहला निमंत्रण
खेल मंत्री रेखा आर्या ने टपकेश्वर महादेव को समर्पित किया राष्ट्रीय खेलों का पहला निमंत्रण
आप सरकार ने यमुना को गंदे नाले में बदल दिया – मुख्यमंत्री योगी
आप सरकार ने यमुना को गंदे नाले में बदल दिया – मुख्यमंत्री योगी
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने परिवार संग मतदान कर लोगों को किया प्रेरित, लोकतंत्र की मजबूती का दिया संदेश
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने परिवार संग मतदान कर लोगों को किया प्रेरित, लोकतंत्र की मजबूती का दिया संदेश
खिचड़ी का नाम सुनते ही बच्चों से लेकर बड़ो तक के बनने लग जाते है मुंह.. इस तरीके से बनाएंगे तो चट हो जाएगी प्लेट   
खिचड़ी का नाम सुनते ही बच्चों से लेकर बड़ो तक के बनने लग जाते है मुंह.. इस तरीके से बनाएंगे तो चट हो जाएगी प्लेट   
निकाय चुनाव-  भाजपा और कांग्रेस में उभरे असंतोष और भड़की बगावत का लाभ उठाने की ताक में निर्दलीय 
निकाय चुनाव-  भाजपा और कांग्रेस में उभरे असंतोष और भड़की बगावत का लाभ उठाने की ताक में निर्दलीय 
निकाय चुनाव- दिन चढ़ने के साथ ही मतदाताओं में भारी उत्साह, युवाओं से लेकर बुजुर्ग और दिव्यांग भी पूरे जोश में मतदान केंद्रों पर पहुंचे
निकाय चुनाव- दिन चढ़ने के साथ ही मतदाताओं में भारी उत्साह, युवाओं से लेकर बुजुर्ग और दिव्यांग भी पूरे जोश में मतदान केंद्रों पर पहुंचे
मेरे माता-पिता कलाकार, मैं अभिनेता, और मेरी पत्नी अदाकारा, हमारी विरासत है रचनात्मक- अभिषेक बच्चन
मेरे माता-पिता कलाकार, मैं अभिनेता, और मेरी पत्नी अदाकारा, हमारी विरासत है रचनात्मक- अभिषेक बच्चन
सीएम धामी ने दिल्ली में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा को किया संबोधित
सीएम धामी ने दिल्ली में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा को किया संबोधित
उत्तराखंड सरकार लागू करने जा रही “यूनिफॉर्म सिविल कोड”
उत्तराखंड सरकार लागू करने जा रही “यूनिफॉर्म सिविल कोड”

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पेंशन से जुड़े विवाद को किया ख़त्म, 2014 से पहले रिटायर कर्मियों को 20 साल की सेवा पर अधिकतम पेंशन का नहीं मिलेगा लाभ 

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पेंशन से जुड़े विवाद को किया ख़त्म, 2014 से पहले रिटायर कर्मियों को 20 साल की सेवा पर अधिकतम पेंशन का नहीं मिलेगा लाभ 

हरियाणा।  हरियाणा में 2014 से पहले रिटायर कर्मियों को 20 साल की सेवा पर अधिकतम पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए पेंशन से जुड़े दो दशकों से चल रहे इस विवाद का निपटारा कर दिया है।

साथ ही कहा कि अदालतों को वित्तीय पहलुओं से संबंधित निर्णय में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह कार्यपालिका के विशेष अधिकार क्षेत्र में आता है। कोर्ट से इस फैसले से हरियाणा के हजारों कर्मचारी प्रभावित होंगे।

हाईकोर्ट के समक्ष तीन प्रकार के पेंशनभोगी पहुंचे थे और विभिन्न लाभों का दावा किया था। पहले 2006 से पहले रिटायर होने वाले, 1 जनवरी 2006 के बाद और 2009 से पहले रिटायर होने वाले और तीसरे वो जो 2014 से पहले रिटायर हुए थे। हरियाणा सरकार सर्विस व पेंशन रूल 2009 में लाई थी और इसके तहत 2006 से पहले रिटायर होने वाले कर्मियों को 33 साल की सेवा पूरी होने पर अधिकतम पेंशन का लाभ दिया गया था जबकि 2006 के बाद रिटायर होने वाले कर्मियों को 28 साल की सेवा पूरी होने पर अधिकतम पेंशन का लाभ दिया गया था। 2006 से पहले रिटायर होने वाले कर्मियों ने 28 साल की सेवा पर अधिकतम पेंशन की मांग की थी जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।

2006 के बाद रिटायर हुए लेकिन 17 अप्रैल 2009 से पहले रिटायर हुए कर्मियों ने बताया कि सरकार ने उन्हें 28 साल की सेवा पर अधिकतम पेंशन का लाभ नहीं दिया क्योंकि वह नोटिफिकेशन जारी होने से पहले रिटायर हो गए थे। हाईकोर्ट ने इन्हें लाभ का पात्र माना और इन्हें सेवा नियम के तहत 28 साल की सेवा पूरी होने पर अधिकतम पेंशन का लाभ जारी करने का आदेश दिया है।

इसके बाद हरियाणा सरकार ने 25 अगस्त 2014 को नियमों में संशोधन किया और 20 साल की सेवा पूरी होने पर अधिकतम पेंशन का लाभ जारी करने का निर्णय लिया। इस नियम को केवल सेवा में मौजूद लोगों पर लागू किया गया, पेंशनरों को इस लाभ से वंचित कर दिया गया। 2014 से पहले रिटायर हुए कर्मियों ने इसे भेदभाव बताते हुए चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने कहा कि कर्मियों व पेंशनरों को वित्तीय लाभ तय करने का राज्य सरकार के पास अधिकार है। न्यायालयों को राज्य के वित्तीय पहलुओं से संबंधित निर्णय में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह कार्यपालिका के विशेष अधिकार क्षेत्र में आएगा। ऐसे में हाईकोर्ट ने 2014 से पहले रिटायर सभी पेंशनर्स को 20 साल की सेवा के लिए अधिकतम पेंशन के लाभ के लिए अयोग्य करार दे दिया है।

खंडपीठ ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए भेजा था फुल बेंच के समक्ष

तीन प्रकार के पेंशनभोगियों के मुद्दे पर कानूनी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही थी। इसके चलते हाईकोर्ट की खंडपीठ ने यह मामला बड़ी बेंच को रेफर कर दिया था। 2015 में फुल बेंच ने इस मामले की सुनवाई की थी और 9 साल बाद कर्मियों की पेंशन को लेकर अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट की फुल बेंच में जस्टिस जीएस संधावालिया, जस्टिस एचएस सेठी व जस्टिस लपिता बनर्जी शामिल थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top