कोलकाता। एक जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर का मामला सामने आने के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है। इस घटना के विरोध में देशभर के सरकारी और निजी अस्पतालों में हड़ताल की गई है और सभी आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) बंद कर दिए गए हैं।
इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में बड़ा फेरबदल किया है। खबरों के मुताबिक, सरकार ने कई डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का तबादला कर दिया है। हालांकि, शाम होते-होते अपडेट आया कि यह तबादला रूटीन ऑर्डर के तहत किया गया है और इसका केस से कोई संबंध नहीं है।
42 डॉक्टरों का ट्रांसफर
बताया जा रहा है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के 42 डॉक्टरों और 190 नर्सिंग स्टाफ का तबादला किया गया है। जिन 42 डॉक्टरों का तबादला किया गया, उनमें से दो डॉक्टर संगीता पॉल और सुप्रिया दास पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तैनात थे। इसके अलावा, 32 डॉक्टर दूसरे अस्पतालों से आरजी कर हॉस्पिटल बुलाए गए हैं, जो सभी कोलकाता के बाहर के हैं।
तबादलों के पीछे साजिश का आरोप
15 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तबादलों के संबंध में सरकारी अधिसूचना जारी होने के बाद चिकित्सा बिरादरी और विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि एक ही बार में कई डॉक्टरों का स्थानांतरण राज्य सरकार के प्रतिशोधी रवैये का प्रतीक है। उनका कहना है कि इन डॉक्टरों को मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों के नेतृत्व वाले आंदोलन में शामिल होने के लिए दंडित किया गया है।
यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट की कड़ी निंदा
यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन (यूडीएफए) ने इस स्थानांतरण की कड़ी निंदा की है और कहा है कि यह उन डॉक्टरों का अन्यायपूर्ण स्थानांतरण है जिन्होंने मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों के विरोध का समर्थन किया। यूडीएफए ने कहा कि ये दंडात्मक उपाय न्याय और सुरक्षा के लिए उनकी मांगों को चुप नहीं कराएंगे और वे अपनी लड़ाई में एकजुट और दृढ़ रहेंगे।
पुलिस और सीबीआई की जांच जारी
इस बीच, डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के मामले में कोलकाता पुलिस और सीबीआई (CBI) दोनों ही एक्शन में हैं। पुलिस ने अस्पताल में हुए तोड़फोड़ के मामले में 24 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि सीबीआई ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। सीबीआई अब आरजी कर हॉस्पिटल के डॉक्टरों के बाद सुरक्षा गार्ड्स, जो वारदात वाली रात कॉलेज में तैनात थे, उनसे भी पूछताछ कर रही है।