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असम विधानसभा के फैसले का RSS से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और विश्व हिंदू परिषद ने किया समर्थन

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असम। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने नमाज के लिए दी जाने वाली दो घंटे की छुट्टी को समाप्त करने के असम विधानसभा के फैसले का समर्थन किया है। दोनों संगठनों ने असम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की भी प्रशंसा की है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद सईद ने इस फैसले को देश की धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय देश के प्रगतिशील मूल्यों को मजबूती प्रदान करेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “कर्म ही पूजा है” और यह सिद्धांत सभी धर्मों के लोगों पर समान रूप से लागू होता है।

शाहिद सईद ने आगे कहा कि सरकारी कामकाज में धार्मिक आधार पर किसी भी तरह का विशेषाधिकार असमानता को बढ़ावा देता है। उन्होंने याद दिलाया कि इस प्रथा की शुरुआत 1937 में मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्लाह ने की थी, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से मुसलमानों को ध्यान में रखते हुए नमाज के लिए छुट्टी प्रदान करना था। उन्होंने कहा कि अगर यह इतना जरूरी होता तो इसे पूरे देश में लागू किया गया होता, न कि केवल एक राज्य में।

एमआरएम ने यह भी कहा कि यह फैसला देश के धर्मनिरपेक्ष और समानता के मूल्यों को बनाए रखने में मददगार साबित होगा। वहीं, विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने असम में मुस्लिम शादी और तलाक के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किए जाने के फैसले के लिए मुख्यमंत्री सरमा की तारीफ करते हुए अन्य राज्यों से भी इसका अनुसरण करने की अपील की है।

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