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जेजीयू में देश के पहले संविधान संग्रहालय का हुआ लोकार्पण, लोकसभा अध्यक्ष, सरकार के कानून मंत्री व विवि के चांसलर ने किया उद्घाटन

जेजीयू में देश के पहले संविधान संग्रहालय का हुआ लोकार्पण, लोकसभा अध्यक्ष, सरकार के कानून मंत्री व विवि के चांसलर ने किया उद्घाटन

हरियाणा। सोनीपत के ओपी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय (जेजीयू), जगदीशपुर में देश के पहले संविधान संग्रहालय का लोकार्पण किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्र सरकार के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल व विवि के चांसलर व सांसद नवीन जिंदल ने उद्घाटन किया। संग्रहालय का लाभ विद्यार्थियों के साथ ही कोई भी आम व्यक्ति निशुल्क ले सकेगा।

जेजीयू में बनकर तैयार हुए संविधान संग्रहालय में कृत्रिम मेधा (एआई) तकनीक का अनूठा कमाल किया गया है। संग्रहालय अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, एआई आधारित इंटरेक्टिव अनुभवों, 3 डी इंस्टॉलेशन और प्रगतिशील प्रदर्शनों से सुसज्जित है। संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का एआई स्वरूप स्वयं लोगों को संविधान के बारे में जानकारी देता दिख रहा है।

संविधान संग्रहालय पूरी तरह से डिजिटल बनाया गया है। इसमें देश के संविधान से संबंधित महान प्रतीक स्थापित किए गए हैं। यह प्रतीक उम्दा कलाकारों, शिक्षाविदों व विशेषज्ञों ने बनाए हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि संविधान निर्मात्री सभा के सभी 300 सदस्यों के जीवन के संबंध में पूरा परिचय व योगदान के बारे में यहां जानकारी उपलब्ध करवाई गई है।

संग्रहालय में प्रदर्शित कला, संविधान के मूल हस्तलिखित दस्तावेज और उससे प्रेरित कलाकृतियों को शामिल किया है। प्रमुख आकर्षणों में ‘व्ही, द पीपल ऑफ इंडिया’, ‘इंसाफ की देवी’और ‘त्रायड ऑफ यूनिट’ जैसी मूर्तियां हैं। यह भारतीय संविधान के मूल्यों को दर्शाती हैं।

विरासत ही लोकतंत्र- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
संविधान संग्रहालय का उद्घाटन करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि ओपी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय में देश का पहला संविधान संग्रहालय बनाया गया है। इसके लिए यह बधाई के पात्र हैं। आज हमारा संविधान पूरे विश्व का मार्ग दर्शक है। 26 नवंबर को देश के सभी शिक्षण संस्थानों में संविधान दत्तक ग्रहण दिवस पर याद किया जाए। आज पूरे विश्व भर के देशों में हमारी तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है।

हमारी तो विरासत ही लोकतंत्र की है। देश में विभिन्नताओं को जोड़ने का काम संविधान ने किया है। हमने पूरे देश को वसुदेव कुटुंबकम का संदेश दिया। महात्मा गांधी के विचारों को पूरी दुनिया में माना जा रहा है। विश्व भर के देशों में महात्मा गांधी की मूर्ति लगी हुई हैं। जब बाबा साहेब डॉ.भीमराव आंबेडकर ने संविधान बनाया तो उस समय की आवश्यकता समानता, आजादी और बंधुता थी। समाज को एकजुट रखने में हमारे संविधान ने अहम भूमिका निभाई है। हम सभी नए भारत के निर्माण, विकसित भारत के निर्माण कार्य में भाग लेंगे।

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि संविधान समानता और आजादी को बढ़ावा देकर भेदभाव को दूर करना सिखाता है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने इन तीनों बिंदुओं का ध्यान रखकर संविधान को बनाया। भाजपा सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में किया। बाबा साहेब भी अनुच्छेद 370 को पसंद नहीं करते थे।

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