न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मंच पर ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित किया। इस शिखर सम्मेलन का विषय ‘बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान’ था, जिसमें दुनिया भर के कई नेताओं ने भाग लिया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भावी पीढ़ियों के लिए एक चिरस्थायी दुनिया के निर्माण के भारत के दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वह इस मंच से उस मानव समुदाय के छठे हिस्से की ओर से बोल रहे हैं, जो वैश्विक शांति, विकास और समृद्धि का समर्थन करता है। उन्होंने मानव-केन्द्रित दृष्टिकोण को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक बताते हुए सतत विकास के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले दशक में 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है।
ग्लोबल साउथ के देशों के साथ अपनी एकजुटता प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को उनके साथ अपने विकास के अनुभव साझा करने का अवसर मिला है। उन्होंने प्रौद्योगिकी के सुरक्षित एवं जिम्मेदार उपयोग के लिए संतुलित नियमों की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि भारत अपने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को वैश्विक लोक कल्याण के लिए साझा करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने भारत की “एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य” की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जो विश्व के लिए भारत का मार्गदर्शक सिद्धांत है। उन्होंने वैश्विक शासन के संस्थानों, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक कार्रवाई को वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप होना चाहिए।
यह शिखर सम्मेलन ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट और भावी पीढ़ियों से संबंधित दो महत्वपूर्ण घोषणाओं के साथ संपन्न हुआ, जिसके तहत ‘भविष्य के लिए एक समझौता’ को स्वीकार किया गया।