हरियाणा। हरियाणा में जून के बाद मानसून का दूसरा महीना जुलाई भी सूखा रहा। 30 जुलाई तक पूरे हरियाणा में मात्र 87 एमएम बारिश दर्ज की गई है, जो सात साल में जुलाई महीने की सबसे कम बारिश दर्ज की गई है।
बारिश का पर्याप्त पानी नहीं होने से फसल पर पीलेपन का खतरा मंडराने लगा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि एक हफ्ते में बारिश नहीं हुई तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। उधर, मौसम विभाग ने बुधवार और वीरवार को पूरे हरियाणा में मध्यम बारिश होने की संभावना जताई है। अगले दो दिन के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मानसून की निष्क्रियता से बनी सूखे की स्थिति
आमतौर में जुलाई में अच्छी बारिश होती है मगर इस सीजन मानसून की निष्क्रियता की वजह से जुलाई में सूखे की स्थिति बन गई। पिछले सालों के जुलाई महीने में अच्छी बारिश होती रही है। हरियाणा में अब तक मानसून सीजन में 116 एममए बारिश हुई है, जो सामान्य से करीब 42 फीसदी कम है। साल 2023 में 237 एमएम, 2022 में 219 एमएम, 2021 में 256 एमएम, 2020 में 166 एमएम, 2019 में 131 एमएम, 2018 में 146 एमएम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग का कहना है कि मानसून की निष्क्रियता की वजह से जुलाई में बारिश नहीं हुई है। मगर अब मानसून के फिर से सक्रिय होने के आसार बन रहे हैं। अब अगले तीन से चार दिन हरियाणा में अच्छी बारिश के संकेत बन रहे हैं। हरियाणा के एक दो इलाकों में भारी बारिश के भी संकेत हैं।
ये जिले सबसे सूखे रहे