नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जयपुर में अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु नील गगन दिवस (स्वच्छ वायु दिवस) के अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश स्वच्छ वायु और नीले आकाश के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें राजस्थान सरकार के अन्य मंत्री और अधिकारी भी शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान, 131 एनसीएपी (राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम) शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों पर चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि केंद्रित कार्यों और संसाधनों के सम्मिश्रण से 95 शहरों में वायु प्रदूषण में कमी आई है, जिसमें 51 शहरों ने 20 प्रतिशत से अधिक और 21 शहरों ने 40 प्रतिशत से अधिक सुधार हासिल किया है।
उन्होंने कार्यक्रम में ‘व्यवहार्य प्रौद्योगिकियों और कार्य प्रणालियों पर संग्रह: एनसीएपी शहरों से सबक’ नामक दस्तावेज़ का विमोचन भी किया, जिसमें शहरों द्वारा किए गए प्रयासों को दिखाया गया है। साथ ही, “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत 100 पौधे भी लगाए गए।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पुरस्कारों में सूरत, जबलपुर और आगरा को श्रेणी-1 में, फिरोजाबाद, अमरावती और झांसी को श्रेणी-2 में, और रायबरेली, नलगोंडा और नालागढ़ को श्रेणी-3 में पुरस्कृत किया गया। भूपेंद्र यादव ने सभी विजेता शहरों को बधाई देते हुए स्वच्छ वायु में निवेश को बढ़ाने और सभी हितधारकों से साझा जिम्मेदारी निभाने पर जोर दिया।
उन्होंने प्रधानमंत्री के मिशन लाइफ (Lifestyle for Environment) के सात विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, लोगों को पर्यावरण की गुणवत्ता सुधारने के लिए अभिनव विचार प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, उन्होंने राजस्थान सरकार के वृक्षारोपण अभियान की सराहना की और कार्यक्रम की सफल मेजबानी के लिए धन्यवाद दिया।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी स्वच्छ वायु और हरित पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने बताया कि राज्य में 07 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं और राज्य वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए एक ‘ग्रीन ग्रोथ बजट’ पेश करेगा, साथ ही इलेक्ट्रिक बसों का भी संचालन किया जाएगा।
इस आयोजन में विशेषज्ञों, छात्रों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधि और एनसीएपी शहरों के नगर आयुक्त भी शामिल थे।