Breaking News
ऊर्जा निगम कर्मियों ने विभिन्न समस्याओं का समाधान करने पर सीएम धामी का जताया आभार
ऊर्जा निगम कर्मियों ने विभिन्न समस्याओं का समाधान करने पर सीएम धामी का जताया आभार
उत्तराखंड पर्यटन को विश्वभर में सम्मान दिलाया रिनचेन ने- महाराज
उत्तराखंड पर्यटन को विश्वभर में सम्मान दिलाया रिनचेन ने- महाराज
ग्रीन कार्ड के बिना नही होगा वाहनों का पंजीकरण, परिवहन विभाग ने किया अनिवार्य 
ग्रीन कार्ड के बिना नही होगा वाहनों का पंजीकरण, परिवहन विभाग ने किया अनिवार्य 
चारधाम यात्रा को सुगम बनाने में मील का पत्थर साबित होगी सिलक्यारा सुरंग – मुख्यमंत्री धामी 
चारधाम यात्रा को सुगम बनाने में मील का पत्थर साबित होगी सिलक्यारा सुरंग – मुख्यमंत्री धामी 
किच्चा सुदीप की आगामी फिल्म ‘बीआरबी: फर्स्ट ब्लड की शूटिंग हुई शुरू, एक पोस्टर भी किया जारी 
किच्चा सुदीप की आगामी फिल्म ‘बीआरबी: फर्स्ट ब्लड की शूटिंग हुई शुरू, एक पोस्टर भी किया जारी 
यूकेएसएसएससी की विज्ञान विषयों से जुड़ी समूह-ग की भर्ती परीक्षा होगी स्थगित 
यूकेएसएसएससी की विज्ञान विषयों से जुड़ी समूह-ग की भर्ती परीक्षा होगी स्थगित 
बढ़ती गर्मी के साथ क्यों बढ़ रहा डायबिटीज का खतरा, आइये जानते हैं इसके कारण और बचाव के उपाय 
बढ़ती गर्मी के साथ क्यों बढ़ रहा डायबिटीज का खतरा, आइये जानते हैं इसके कारण और बचाव के उपाय 
प्रदेश में यूसीसी के अंतर्गत 46 जोड़ों ने किया लिव इन आवेदन
प्रदेश में यूसीसी के अंतर्गत 46 जोड़ों ने किया लिव इन आवेदन
सूबे के चिकित्सा शिक्षा विभाग को मिली 54 स्थाई फैकल्टी
सूबे के चिकित्सा शिक्षा विभाग को मिली 54 स्थाई फैकल्टी

भू कानून, कितना सख्त कितना नरम? यह भविष्य बताएगा – कांग्रेस

भू कानून, कितना सख्त कितना नरम? यह भविष्य बताएगा – कांग्रेस

देहरादून। नये भू कानून पर धामी कैबिनेट की मुहर लगने के बाद कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया सामने आयी है। कांग्रेस ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के समय बने भू कानून को निरस्त करने पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेत्री गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि आज उत्तराखंड राज्य लैंड बैंक के मामले में पूरी तरह से बैंकरप्ट हो चुका है। गरिमा ने कहा कि पिछले 24 सालों में उत्तराखंड की भूमि का खुलकर चीरहरण हुआ और उसकी पूरी तरह से जिम्मेदार भाजपा की सरकारें रही है।

2000 में राज्य गठन के समय पर 2 साल के लिए भाजपा की अंतरिम सरकार बनी और परिसंपत्तियों का ठीक तरीके से बंटवारा नहीं हो पाया जिसके चलते आज की तारीख में भी उत्तराखंड की करोड़ों अरबों की भूमि उत्तर प्रदेश की गिरफ्त में है ।
उसके बाद की पहली निर्वाचित तिवारी सरकार हो या भुवन चंद खंडूरी सरकार उन्होंने भूमि की खरीद फरोख्त पर सख्त नियम बनाए। परंतु 2018 में आई त्रिवेंद्र रावत सरकार ने पूरी तरह से उत्तराखंड की भूमि को सेल पर लगा दिया।

दसोनी ने कहा कि जिस तरह से त्रिवेंद्र रावत सरकार के समय के भू कानून से जुड़े हुए सभी प्रावधानों को निरस्त किया गया है उससे कांग्रेस के आरोपों की पुष्टि होती है कि 2017 और 2021 के बीच त्रिवेंद्र रावत की सरकार ने उत्तराखंड की भूमि को खुली लूट और छूट के लिए भू माफियाओं के सामने छोड़ दिया।

दसोनी ने कहा कि क्या धामी सरकार उस दौरान बिकी हुई भूमि भी उत्तराखंड को वापस दिला पाएगी ?और तो और धामी सरकार में एक और आत्मघाती कदम उठाया गया था वह था लैंड यूज में बदलाव।

गरिमा ने बताया कि पूर्व वर्ती सरकारों में यह नियम था कि कोई भी व्यक्ति खरीदी हुई भूमि पर 2 साल के अंदर-अंदर जिस प्रयोजन के लिए भूमि ली गई है उसका काम शुरू नहीं करता तो वह भूमि स्वत: सरकार में निहित हो जाएगी परंतु धामी सरकार ने इस नियम में बदलाव करते हुए लोगों को समय अवधि और परपज दोनों में खुली छूट दे दी ।

गरिमा ने कहा कि क्या वह प्रावधान भी निरस्त होगा?
गरिमा ने यह भी पूछा कि सत्तारूढ़ दल के मंत्री और विधायक जिस तरह से प्रतिबंधित भूमि पर रिसॉर्ट और होटल बना रहे हैं क्या उन पर भी कार्यवाही होगी और पेनाल्टी ली जाएगी ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top