हरियाणा। करनाल के नीलोखेड़ी व तरावड़ी क्षेत्र के मध्य खेतों में आग लगने से खलबली मच गई। तेज हवाओं के साथ लगी आग से करीब 200 एकड़ गेहूं की फसल व उसके अवशेष जल गए। दोनों जगहों पर फायर ब्रिगेड की करीब 14 गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया लेकिन तब तक किसानों का लाखों रुपये का नुकसान हो चुका था।
किसानों ने कहा कि ठेके पर जमीन लेकर फसल उगाई थी मगर आग ने सब खत्म कर दिया। इस आग में करीब 28 एकड़ गेहूं की फसल जल गई। किसानों ने सरकार से गुहार लगाई है कि जल्द गिरदावरी कर उन्हें मुआवजा दिया जाए।
तरावड़ी क्षेत्र के पधाना गांव के पास करीब 100 एकड़ में फसल व फाने जले। जिसमें दो दर्जन से ज्यादा एकड़ में खड़ी फसल थी और बाकी क्षेत्र के फाने जलकर राख हो गए। आनन फानन किसान खेत में पहुंचे और ट्रैक्टर-हैरो के जरिये आग पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन आग इतनी ज्यादा थी कि आग पर काबू नहीं पाया जा सका। जब तक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची तब तक दो दर्जन से ज्यादा एकड़ में खड़ी फसल जल चुकी थी।
वहीं नीलोखेड़ी क्षेत्र में करीब 14 एकड़ गेहूं, 86 एकड़ में फाने आग की भेंट चढ़ गए। ये आग नीलोखेड़ी और तरावड़ी के बीच धधकी। आठ दमकल की गाड़ियों ने करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझाने में सफलता हासिल की। बताया जाता है कि रविवार की शाम करीब चार बजे एक किसान ने खेत में आग लगी देखी और दमकल विभाग को सूचित किया।
देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और तेज हवा ने आग को चारों तरफ फैला दिया। आग लगने से किसान घबरा गए और खुद भी आग पर काबू पाने का प्रयास किया। इस आग में पूर्व पार्षद धर्मेंद्र खुराना का 7.5 एकड़ गेहूं, श्रवण 6.5 एकड़ गेहूं व चार एकड़ फाने, पवन कुमार के 35 एकड़ फाने, हैप्पी चावला के तीन एकड़ फाने, जीत राम के सात एकड़ फाने, मल्ली तखाना के 14 एकड़ फाने, महेंद्र कुमार के सात एकड़ फाने, राजेंद्र कुमार के 8.5 एकड़ फाने, कालू के 1.5 एकड़ फाने व लाल सिंह के चार एकड़ फाने जल गए हैं।
किसानों का आरोप है कि फायर ब्रिगेड व पुलिस काफी देर से पहुंची। अगर समय पर गाड़ियां आ जातीं तो शायद इतना नुकसान नहीं होता। किसान देवी दयाल ने बताया कि रेलवे स्टेशन के पास से अचानक फसल में आग लगी। खेत में धुआं उठता देख आसपास के खेतों में काम कर रहे किसान भी हरकत में आ गए। उन्होंने आग देखकर तुरंत फायर ब्रिगेड की गाड़ी को कॉल किया, लेकिन किसान इंतजार करते रहे कि अभी फायर ब्रिगेड की गाड़ी आएगी, लेकिन नहीं आई। आग नेशनल हाईवे तक पहुंच चुकी थी। आगजनी की सूचना के बाद फायर ब्रिगेड की 6-7 गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
पधाना गांव के सरपंच प्रवीन राणा ने बताया कि दो दर्जन से ज्यादा खड़ी फसल और अन्य फाने जलकर राख हो गए। न खाने को दाने बचे और न ही पशुओं के लिए भूसा। किसान देवी दयाल ने दो एकड़ जमीन ठेके पर ली थी। प्रति एकड़ के लिए उसने 55 हजार रुपए दिए थे। अब उसे चिंता है कि उसके नुकसान की भरपाई कैसे होगी। प्रेम मुंजाल और उसके भाई विजय की 10 एकड़ फसल थी, वह आग की भेंट चढ़ गई। घटना के बाद नीलोखेड़ी के डीएसपी विजय कुमार भी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि जल्द तहसील अधिकारी मौके का मुआयना करेंगे। नुकसान की भरपाई का प्रयास किया जाएगा।