Breaking News
जेजीयू में देश के पहले संविधान संग्रहालय का हुआ लोकार्पण, लोकसभा अध्यक्ष, सरकार के कानून मंत्री व विवि के चांसलर ने किया उद्घाटन
तमन्ना भाटिया की ‘सिकंदर का मुकद्दर’ का ट्रेलर जारी, 29 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी फिल्म
खड़े ट्रैक्टर से टकराई बाइक, हादसे में युवक की मौत
पिथौरागढ़ जिले में जमीन की खरीद फरोख्त पर तलब की रिपोर्ट
कभी देखा है नीले रंग का केला, गजब है इसका स्वाद, जबरदस्त हैं फायदे
ज्योर्तिमठ में येलो और ग्रीन केटेगरी के भवनों को अस्थाई मरम्मत की मिली अनुमति
ट्रंप के साथ एलन मस्क की जबरदस्त जुगलबंदी
यमुनानगर में चोरों का आंतक, ताला तोड़कर घर में घुसे चोर, डेढ़ लाख रुपये की नगदी और जेवर लेकर हुए फरार 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाओ पीडीआर में जापानी और फिलीपीन रक्षा मंत्रियों से की मुलाकात

केक खाने के बाद 10 साल की मानवी की मौत का मामला पहुचा हाईकोर्ट

चंडीगढ़ केक खाने के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में बच्ची की मौत के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करते हुए मिलावटखोरों पर कार्रवाई करने और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट का सही पालन सुनिश्चित करने का निर्देश जारी करने की अपील की गई है। हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में दाखिल की गई इस याचिका पर जल्द सुनवाई होगी। याचिका दाखिल करते हुए मोहाली निवासी एडवोकेट कुंवर पाहुल सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि 24 मार्च 2024 को अपने जन्मदिन पर केक खाने के बाद 10 साल की बच्ची मानवी की मौत हो गई थी। याची ने बताया कि बीते कुछ समय में मिलावट का खेल बहुत अधिक बढ़ गया है लेकिन इसे रोकने के लिए सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है।

2013 में सुप्रीमकोर्ट ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया को आदेश दिया था कि मिलावट को रोकने के लिए मंडियों का लगातार निरीक्षण किया जाए और मिलावट के धंधे पर लगाम लगाई जाए। 2016 में एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट का पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्य को आदेश दिया था कि डेयरी व अन्य प्रकार के कार्य करने वालों को चेतावनी दी जाए और बताया जाए कि ऐसा साबित होने पर उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई होगी। इसके बावजूद मिलावट का धंधा रुक नहीं रहा है। 24 मार्च को मोहाली निवासी मानवी भी ऐसी ही एक मिलावट का शिकार हुई थी। इस मामले में सिविल सर्जन जांच का आदेश दे चुके हैं और बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्री ने बच्ची के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की थी और जांच का आदेश दिया था।

याची ने कहा कि बिना मजबूत तंत्र विकसित किए मिलावट के इस कारोबार पर रोक नहीं लगाई जा सकती। नियमों का सख्ती से पालन करना सुनिश्चित करने के लिए औचक निरीक्षण होते रहने चाहिए। ऐसे में जनहित याचिका में राज्य व केंद्र सरकार को इसका पालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश जा री करने की मांग की गई है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top