हरियाणा। कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर में मगरमच्छ देखे जाने से खलबली मची हुई है। ब्रह्मसरोवर के जल में मगरमच्छ दिखने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें जल के ऊपर मगरमच्छ मुंह खोले तैरता दिखाई दिया है। हालांकि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड केडीबी प्रशासन ने ब्रह्मसरोवर में मगरमच्छ देखे जाने की घटना से इनकार किया है, मगर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए केडीबी प्रशासन की ओर लगातार घोषणा की जा रही है। इसमें ब्रह्मसरोवर में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को रेलिंग से आगे नहीं जाने की चेतावनी दी जा रही है।
बता दें प्रतिदिन देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु ब्रह्मसरोवर में स्नान के लिए पहुंचते हैं। वहीं गर्मी के कारण कई लोग भी नहाने के लिए आते हैं। इस स्थिति में अगर जल में मगरमच्छ हुआ तो कोई बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। दरअसल, गत सप्ताह ब्रह्मसरोवर के दक्षिणी छोर में जल के बीच में मगरमच्छ दिखाई देने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद लोग बेहद डरे हुए थे। इसके बाद से लोगों ने ब्रह्मसरोवर पर घूमना बंद कर दिया था।
वहीं वीडियो के बाद केडीबी प्रशासन भी हरकत में आ गया। केडीबी की ओर से लगातार ब्रह्मसरोवर के जल में रेलिंग में आगे नहीं जाने की बार-बार घोषणा की जाने लगी साथ ही केडीबी प्रशासन ने मगरमच्छ की तलाश शुरू कर दी, मगर उसका कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया। बाद में केडीबी प्रशासन वन्य एवं जीव जंतु विभाग से संपर्क किया। विभाग की टीम ने चार दिन तक ब्रह्मसरोवर में मगरमच्छ की तलाश की, मगर टीम के हाथ कुछ नहीं लग पाया। चार दिन की छानबीन के बाद टीम ने अभियान बंद कर दिया। उधर, केडीबी प्रशासन भी ब्रह्मसरोवर में मगरमच्छ नहीं होने की बात स्वीकार कर रहा है।
ब्रह्मसरोवर के जल में नहीं कोई मगरमच्छ
केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद वन्य प्राणी विभाग की टीम को बुलाया गया था। इस टीम ने मगरमच्छ को पकड़ने के लिए चार दिन तक ब्रह्मसरोवर में अभियान चलाया, मगर टीम को कोई मगरमच्छ नहीं मिला, साथ ही विभाग के अधिकारियों ने भी मौके का जायजा लिया, जिसके बाद अधिकारियों ने तर्क दिया कि ब्रह्मसरोवर के जल में मगरमच्छ का कहीं से पहुंचना मुश्किल है। अगर ब्रह्मसरोवर में मगरमच्छ होता तो वह किनारे पर जरूर आता, मगर चार दिन के दौरान ऐसा कुछ नहीं हुआ वहीं ब्रह्मसरोवर में पाइप के जरिए पंप की मदद से जल छोड़ा जाता है। यह भी संभव नहीं है कि पाइप के जरिए मगरमच्छ यहां पहुंचा हो फिर भी उनकी टीम नजर बनाए हुए है।