Breaking News
पीएम मोदी को आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाने की दी चुनौती, सत्ता में आते ही समाप्त करने का किया ऐलान
खिड़की के रास्ते से घर में घुसे चोर, सात लाख नकदी व सोने के जेवर लेकर हुए फरार
बैकलेस आउटफिट पहन अवनीत कौर ने शेयर किया हॉट लुक
कांग्रेस ने देश को सिर्फ भ्रष्टाचार में आगे बढ़ाया है, जबकि भाजपा ने भ्रष्टाचार को मिटाया है- मुख्यमंत्री नायब सैनी
त्वचा को हाइड्रेट रखने में कारगर है यह जूस, रोजाना सेवन करने से होंगे अनेक फायदे
दिल्ली-अमृतसर रेलवे ट्रेक पर प्रेमी जोड़े ने मालगाड़ी के नीचे आकर की आत्महत्या, मामले की जांच कर रही पुलिस
बदायूं के रोड शो में मुख्यमंत्री धामी ने की भाजपा को जिताने की अपील
तबाही ला सकती हैं ग्लेशियर झीलें
रणवीर सिंह के हाथ लगा बड़ा प्रोजेक्ट, साउथ इंडस्ट्री के ब्लॉकबस्टर डायरेक्टर प्रशांत वर्मा संग करेंगे राक्षस

लोक कलाकार महावीर गुड्डू पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित, हरियाणवीं कला प्रेमियों में खुशी की लहर

हरियाणा।   पूरे विश्व में हरियाणवीं संस्कृति की अमिट छाप छोड़ने वाले सफीदों निवासी लोक कलाकार महावीर गुड्डू को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया। उनको यह पुरस्कार मिलने पर सफीदों क्षेत्र निवासियों व हरियाणवीं कला प्रेमियों में खुशी की लहर है।

बातचीत में महावीर गुड्डू ने कहा कि यह अवॉर्ड उन्हें शंकर भगवान व मां सरस्वती की कृपा, परिवार व बुजुर्गों के आशीर्वाद, हरियाणवीं संस्कृति से प्रेम करने वाले लोगों के प्यार की बदौलत मिला है। यह पुरस्कार पाकर वे बेहद खुश हैं और उनकी 53 साल की कला के क्षेत्र में यात्रा का परिणाम है। वे यह पुरस्कार समस्त हरियाणा और हरियाणवियों को समर्पित करते हैं। इस पुरस्कार के लिए वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश की तत्कालीन मनोहर लाल सरकार व पुरस्कार चयन समिति का धन्यवाद करते हैं।

उन्होंने बताया कि इस पुरस्कार को प्राप्त करते वक्त उन्हें एक विशेष अनुभूति महसूस हुई। जितने भी अवॉर्ड प्राप्त करने वाले लोग थे वे सभी कहीं न कहीं अपने-अपने क्षेत्र में विशेष स्थान को प्राप्त थे और चयन समिति ने सभी को उनकी योग्यता को ध्यान में रखकर ही सही रूप से अवॉर्ड के लिए नामित किया था। उन्होंने बताया कि पुरस्कार प्रदान करते वक्त राष्ट्रपति ने उन्हे बधाई तो दी ही, साथ ही साथ जब वे पुरस्कार लेकर लौट रहे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खड़े होकर बधाई दी और उनकी पीठ थपथपाई।

महावीर गुड्डू कहते हैं कि पद्मश्री पुरस्कार ने उन्हें जमीन से हाथी पर बैठा दिया है। वे उपमंडल सफीदों के गांव गांगोली में एक सामान्य परिवार में जन्मे और शिक्षा-दीक्षा के बाद वे प्राध्यापक बने। 1972 में उन्होंने हरियाणवीं कला के क्षेत्र में अपना पहला कदम रखा था। हालांकि उनका परिवार कला व संस्कृति के क्षेत्र में नहीं रहा है, लेकिन उन्होंने हरियाणवीं संस्कृति को अंगीकार करते हुए कला के क्षेत्र में कदम रखा। धोती-कुर्ते, चिमटे, बीन, बांसुरी और शंख ने उन्हें एक विशेष पहचान प्रदान की।

बता दें कि महावीर गुड्ड पंडित लखमीचंद राज्य पुरस्कार, हरियाणा कला रत्न अवॉर्ड, पंडित लखमीचंद शिक्षा एवं संस्कृति पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। इसके अलावा वे लंदन इंडियन हाई कमीशन, हाउस ऑफ लॉर्ड, अमेरिका व नार्वे में भी पुरस्कृत हो चुके हैं।

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने उन्हें पीएचडी की मानद उपाधि से नवाजा था। महावीर गुड्डू कहते हैं कि बेशक उन्हें पद्मश्री अवॉर्ड प्राप्त हो चुका है, लेकिन कला के क्षेत्र की यात्रा निरंतर जारी रखेंगे। वे अंतिम सांस तक मां बोली हरियाणवीं की दिलो जान से सेवा करते रहेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top